प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बुधवार को भी पारा का सख्त तेवर बरकार रहा। पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार रहा। जिसका नतीजा रहा कि चढ़ते सूरज ने एक बार फिर शहरियों की अग्नि परीक्षा ले ली। वहीं, पछुआ ने भी सुबह से ही अपना असर दिखा दिया, जिससे सुबह नौ बजे से ही हवाएं गर्म हो गईं। दोपहर में लू की तपिश ने लोगों को छांव खोजने के लिए मजबूर कर दिया। हाल फिलहाल भले ही मौसम का ये रुप परेशान करने वाला है, मगर मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ऐसे ही मौसम सख्त तेवर दिखाता रहा तो मानूसन अपने तय समय से पहले आ जाएगा।

पछुआ कर रही परेशान
बुधवार को पछुआ हवाओं ने सुबह से ही मोर्चा संभाल लिया था। राजस्थान के मरुस्थलों से आने वाली पछुआ हवाओं की शुष्कता से लू का असर सुबह से ही मालूम पडऩे लगा था। दोपहर में बारह बजे से चार बजे तक हवाओं में लू की तपिश महसूस की गई। चूंकि पुरवइया हवाएं मौजूदा समय में बिल्कुल बेअसर हो गई हैं, ऐसे में पछुआ हवाओं ने लू का असर बनाए रखा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पछुआ का असर जितने ज्यादा दिन अब बना रहेगा, मानसून उतनी तेजी से आएगा।

उमस ने बढ़ा दी बैचैनी
सूरज के सख्त तेवर से पारा बुधवार को एक बार फिर 45.4 डिग्री पर रहा। हाल ये रहा कि रात को आठ बजे भी पारा 41 डिग्री पर घूमता रहा। मंगलवार को दिन में पछुआ की वजह से रात भी गर्म रही। मंगलवार रात का पारा 30 डिग्री रहा। ऐसे में रात में भी राहत नहीं रही और दिन में भी पारा चढ़ा रहा। जिसकी वजह से उमस ने अपना पूरा जाल बिछा रखा है। बुधवार दिन में उमस की वजह से शरीर में ही पानी सूख जा रहा था। जिसकी वजह से लोगों को बैचैनी का सामना करना पड़ा।

पछुआ की वजह से लू का असर देखने को मिल रहा है। ये फौरी तौर पर तो समस्या पैदा कर रही है, मगर आने दिनों में इसकी वजह से मानसून अपने तय समय से पहले आ जाएगा। अगर दस जून तक पछुआ का असर यूं रही रहा तो फिर उम्मीद है कि मानसून पंद्रह जून तक दस्तकर दे देगा।
प्रो.शैलेंद्र राय मौसम विज्ञानी