प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आठ साल के लंबे इंतजार के बाद बुधवार को एमएलएन मेडिकल कॉलेज में 63वें स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान 76 मेधावियों को गोल्ड मेडल देकर उनका मान बढ़ाया गया। इसके अलावा कॉलेज के प्रिंसिपल ्रपो। एसपी सिंह ने मेडिकल कॉलेज की तीन साल की उपलब्धियों को बखान किया। कार्यक्रम में मेडल पाने वाले मेधावियों की खुशी का ठिकाना नही था। उन्होंने कॉलेज प्रशासन को आयोजन के लिए धन्यवाद देकर एक दूसरे को सफलता पर बधाई भी दी।

कौन बना ओवर ऑल टापर
कार्यक्रम में एबीबीएस की छात्रा ऐमन बानो को ओवर आूल टॉपर के मेडल से नवाजा गया। उन्हे एमबीबीएस फाइनल फस्ट व सेकेंड पार्ट, एमबीबीएस फस्ट व सेकेंड में गोल्ड मेडल, इसके अलावा विषय में सर्जरी, ओबीएस एंड गायनी, पीडीयाट्रिक, ऑप्थामोलॉजी, एनॉटमी, पैथोलॉजी सहित फिजीयोलॉजी में गोल्ड मेडल मिला। प्रियम सिंह को एमबीबीएस फस्र्ट व सेकेंड तथा विषय में ईएनटी, पैथोलॉजी, फार्मोकलॉजी व फॉरेंसिक के लिए गोल्ड मेडल मिला। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। विशिष्ट अतिथि फॉरेंसिक विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ। वीबी सहाय रहे।

क्या रहीं कॉलेज की उपलब्धियां
इस अवसर पर एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। एसपी सिंह ने मेडिकल कॉलेज व संबद्ध स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय, मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय व सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय के पिछले तीन वर्ष की उपलब्धी को सामने रखा। उन्होंने बताया कि पांच मई 1961 में मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की स्थापना प्रयागराज में हुई थी। वहीं 16 मई 1961 को प्रोफेसर प्रीमतदास कॉलेज के पहले प्रिंसिपल नियुक्त किए गए। आइए जानते हैं एक नजर में उपलब्धियां-

- एक अगस्त 1961 को 50 छात्र-छात्राओं के पहले बैच की शुरूआत हुई।
- 2019 तक यहां यूजी के 200 छात्र-छात्राए हो गए।
- 2024 में पीजी के 200 विद्यार्थी हैं। डीएम गैस्ट्रोलॉजी 2010 और न्यूरोलॉजी की शुरूआत 2023 में हो गई।
- 2023 जनवरी से दिसंबर तक दो लाख 37 हजार 40 कुल जांचे हुई हैं।
- 63वें कॉलेज डे के अवसर पर कॉलेज की पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
- इसके पहले 2015 में कॉलेज का स्थापना दिवस मनाया गया था। जिसके बाद अब यह कार्यक्रम हुआ है।

क्या बोले मेधावी
ओवर आल टापर बनी ऐमन बानो ने कहा कि उनके पिता नही है और छोटी बहन एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। उन्हें इतने मेडल मिलने पर विश्वास नही हो रहा था। कहा कि मेडल मिलने से छात्रों के एकेडमिक प्रदर्शन में सुधार होता है और उन्हें कुछ बेहतर करने की सीख मिलती है। वहीं टापर प्रियम सिंह ने कहा कि मेडल मिलने के बाद बहुत खुशी हो रही है। मेरी सफलता का मुझे इनाम मिला है। उनका कहना था कि अब एक बेहतर डॉक्टर बनकर अपने देश और मरीजों की सेवा करना है।