प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नवाबगंज थाना क्षेत्र के चफरी गांव का रहने वाला मो। मुजफ्फर दौलत कमाने के लिए पशु-तस्करी का धंधा शुरू किया। इस अवैध कारोबार से दौलत आई तो वह अकूत सम्पत्तियों को बनाने में जुट गया। एक वक्ता आया जब गो-तस्करी में उसका नाम बदनाम हो गया। इस मामले में उसके खिलाफ कई मुकदमें दर्ज हुए। नवाबगंज में पुलिस उसके पीछे पड़ी तो वहां भागकर वह बम्हरौली आ गया। यहां उपरहार में अपना नया ठिकाना बना लिया। यहीं परिवार के साथ वह रहने लगा। अवैध धंधे से रुपयों की गठरी बटोरने के बाद वह दबंगई शुरू कर दिया। दौलत व दबंगई के बूते वह बेशकीमती सम्पत्तियों का साम्राज्य तैयार किया। बम्हरौली उपरहार में आलीशान मकान के साथ पत्नी साहिबा व भाई मो। अशरफ, मो। कमरम, मो। असरफ की पत्नी उम्मे खलीला व अकरम की पत्नी गलिस्ता बानो के नाम प्रॉपर्टियों खरीद लिया। देखते ही देखते इसके गुनाहों के जरिए कमाए गए पैसों से पूरा परिवार बेशकीमती सम्पत्तियों का मालिक बन गया। सम्पत्तियों के साथ मो। मुजफ्फर पर मुकदमें भी बढ़ते गए। क्योंकि जमीन व मकान बनाने में जहां भी जरूरत पड़ी वह अपराध के दूसरे पैतरे भी आजमाता गया। दौलत के बल पर वह कौडि़हार ब्लाक का ब्लाक प्रमुख तक बन गया। गैंगेस्टर की कार्रवाई के बाद मो। मुजफ्फर को गिरफ्तार करके पुलिस द्वारा पिछले साल जेल भेजा गया था।

शीर्ष अफसरों को भेजी गई थी रिपोर्ट

पुलिस के मुताबिक तब से वह आज तब जेल में ही बंद है। उसके गो-तस्करी से जुड़े एक मुकदमें की जांच कर रही धूमनगंज पुलिस द्वारा 30 जुलाई को रिपोर्ट शीर्ष अफसरों को भेजी गई। विभाग के बड़े अधिकारियों ने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट को डीएम के पास भेज दिया। रिपोर्ट में में बताया गया था कि मो। मुजफ्फर की पत्नी से लेकर भाइयों व भाइयों की पत्नी के नाम छह सम्पत्ति बम्हरौली में है। पुलिस व प्रशासन के दावे हैं कि इन सम्पत्तियों को अपनों के नाम मो। मुजफ्फर ने ही अपने गुनाहों की कमाई से बनाया है। इसी के आधार पर डीएम द्वारा इन सम्पत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया गया। आदेश के अनुपालन में शुक्रवार को कई थाने की फोर्स और प्रशासनिक अफसरों संग उन सम्पत्तियों व एक अलीशान मकान को कुर्क किया गया। अधिकारियों द्वारा उन सम्पत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई को बोर्ड भी लगा दिया गया है।

कार्रवाई के वक्त धूमनगंज प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार मौर्य व पूरामुफ्ती थाने के प्रभारी उपेंद्र प्रताप सिंह सहित फोर्स के साथ सीओ सिविल लाइंस आईपीएस अभिषेक भारती एवं एसपी सिटी दिनेश सिंह और राजस्व अधिकारी मौजूद रहे। बताया गया कि मो। मुजफ्फर के पांच प्लाट इसी वर्ष जून माह में कुर्क किए जा चुके हैं। यह प्लाट उसके और उसकी पत्नी के नाम पर थे। यह संपत्तियां भी पूरामुफ्ती क्षेत्र में ही थीं। इसकी भी कीमत करोड़ों रुपये में आंकी गई थी।

मो। मुजफ्फर शातिर किस्म का अपराधी है। वह अब भी जेल में ही है। कुर्की का आदेश डीएम के जरिए दिया गया था। इसी आदेश के अनुपालन में शुक्रवार को कुर्की की कार्रवाई की गई।

दिनेश सिंह, एसपी सिटी