प्रयागराज ब्यूरो । नैनी जेल में मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा है। और मोबाइल का इस्तेमाल अतीक का बेटा अली कर रहा है। ये बात बेहद हैरतअंगेज है। क्योंकि नैनी जेल में जैमर भी लगा है और वहां पर जेल प्रशासन सख्त भी है। मगर पूरामुफ्ती थाने में दर्ज केस की तहरीर बताती है कि अली जेल से फोन करके दस लाख रुपये रंगदारी मांग रहा है। अब तहरीर सही है तो जेल प्रशासन की सख्ती पर सवाल है और जेल प्रशासन सख्त है तो फिर पूरामुफ्ती पुलिस ने बगैर जांच के केवल तहरीर के आधार पर अली के खिलाफ केस कैसे दर्ज कर लिया ये जांच का विषय बन गया है। फिलहाल, अली और अन्य के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है, अब देखना है कि केस में कितनी सच्चाई है। और ये पुलिस की जांच के बाद ही पता चलेगा।

ये है मामला
हटवा के रहने वाले अबु सईद ने पूरामुफ्ती थाने में केस दर्ज कराया है कि हटवा के रहने वाले मुजस्सिर और असाद ने उसे रास्ते में रोककर दस लाख रुपये रंगदारी मांगी। दोनों ने कहा कि अली भाई ने जेल से दस लाख रुपये मांगा है। अगर जिंदा रहना है तो दस लाख रुपया दे दो। मैंने रुपया देने से इंकार किया तो 25 मार्च की रात मुजस्सिर, मो.मुस्लिम, आमिर, असाद, सारिक, उबैद और कुछ अज्ञात लोगों ने तमंचे की बट से मारा। इसके बाद लाठी डंडे से पीटकर 48 हजार रुपये छीन लिया। धमकी दिया कि अली भाई को दस लाख रुपया नहीं दिया तो जान से मार दिए जाओगे। मामले में अली समेत सात लोग नामजद किए गए हैं।

मामला सही है या गलत
फिलहाल, इस केस ने नैनी जेल प्रशासन की सख्ती पर उंगली उठा दी है। तहरीर के मुताबिक अली ने जेल से अपने गुर्गों को मोबाइल पर दस लाख रुपये रंगदारी मांगने के लिए कहा। यानि साफ है कि अली जेल से मोबाइल इस्तेमाल कर रहा है। और अगर ये सही है तो फिर जेल प्रशासन भी कार्रवाई के घेरे में आ जाएगा। और ये आरोप गलत है तो फिर अली के खिलाफ आखिर क्यों केस दर्ज कराया गया, ये मामला साफ होना चाहिए। या फिर अली के नाम के साथ अन्य छह लोगों का नाम जोड़ दिया गया।


तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अजीत प्रताप सिंह, थाना प्रभारी पूरामुफ्ती