-आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पीएम मोदी को दूसरा मौका देने की कही बात

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PRAYAGRAJ: विश्व हिन्दू परिषद के दो दिवसीय धर्म संसद अधिवेशन के अंतिम दिन राम मंदिर पर कोई निर्णय नहीं हुआ। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए संतों ने फिलहाल मंदिर निर्माण की तारीख पर निर्णय लेने से इंकार कर दिया। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने पीएम मोदी को दूसरी बार मौका देने की बात करते हुए कहा कि लम्बे अंतराल के बाद सनातन संस्कृति के विजय का काल आया है। जब सरकार सत्ता में आई थी तो तीन साल का वक्त दिया था लेकिन मसला कोर्ट में होने की वजह से इस पर निर्णय नहीं लिया जा सकता है। इसके बावजूद सरकार ने कदम उठाते हुए अयोध्या में गैर विवादित भूमि को कोर्ट से मांगा है। सरकार में धर्म के रक्षक हैं हम सब चाहते हैं कि सरकार को एक और अवसर दिया जाए।

अंतिम दिन पारित हुआ प्रस्ताव

प्रस्ताव के जरिए मंदिर निर्माण की बाधा को दूर करने के लिए छह अप्रैल को नव संवत्सर प्रारंभ होने की तारीख पर पूरे देश में एक करोड़ लोग श्रीराम जय राम, जय-जय राम मंत्र का जप करने की अपील की गई। 13 करोड़ जप से मंदिर निर्माण की सभी बाधाएं दूर हो जाएगी। सभी रामभक्त दो फरवरी को संगम लोअर मार्ग पर गंगा उपासना करेंगे।

किसने क्या कहा

अयोध्या में राम मंदिर वहीं बनेगा जहां राम का जन्म हुआ था। उन्हीं शिलाओं और ईंटों से बनेगा जो पूजित हुई हैं। मंदिर का मॉडल भी वही रहेगा जिसे दिखाया जा रहा है।

-आलोक कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष विहिप

हमें धैर्य व संयम का परिचय देना होगा। यह युद्ध निर्णायक दौर में चल रहा है। जैसे आज तक मंदिर को लेकर चलाया गया आंदोलन सफल रहा वैसे ही हम आगे भी सफल होंगे।

-स्वामी अवधेशानंद गिरी, आचार्य पीठाधीश्वर जूना अखाड़ा

राम विरोधी ताकतें संगठित हो रही हैं। उनके षड्यंत्र को समाप्त करना होगा। हमने नया नारा दिया है सिंह द्वार से शुरू करेंगे, गर्भगृह तक जाएंगे। मंदिर वहीं बनाएंगे।

-स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती

2014 के चुनाव से पहले मैंने खुद मोदी को हनुमान कहा था। सभी संतों ने मोदी को आशीर्वाद दिया था। आज षड्यंत्र के दौर में उनके फिर से विजयी होने की कामना करता हूं।

-स्वामी विशोकानंद सरस्वती, आचार्य महामंडलेश्वर महानिर्वाणी अखाड़ा

केन्द्र सरकार ने अड़चनों के बीच गैर विवादित जमीन को देने की मांग का प्रस्ताव लाकर अच्छा कार्य किया है। जिस दिन कोर्ट से यह बाधा दूर होगी उसी दिन निर्माण कार्य शुरू होगा।

-स्वामी रामभद्राचार्य

च्योतिषीय गणना के अनुसार 2020 में हरियाणी अमावस्या के दिन सभी ग्रह अपनी उच्च राशि में होंगे। इसलिए उस दिन से मंदिर निर्माण का श्रीगणेश हो जाएगा।

-साध्वी प्रियंवदा