हज़रत इमाम हुसैन के ताबूत पर रास्ते भर लोगों ने चढ़ाये अकीदत के फूल

रौशनबाग स्थित अज़ाखाना मुस्तफा हुसैन से कदीमी अलम जुलूस पूरी शानो शौकत व एहतेराम के साथ निकला। नागरिक सुरक्षा के चीफ कन्ट्रोलर नासिर जैदी व खुशनूद रिजवी की अगुवाई में निकले दो विशाल अलम, हजरत इमाम हुसैन का ताबूत और हजरत अली असग़र के झूले पर अकीदतमन्दों नेफूलों की चादर चढ़ा कर मन्नते व मुरादें मांगी।

मजलिस में सुनाई शहीदों की दास्तान

जुलूस उठने से पूर्व मौलाना रज़ा अब्बास साहब ने मजलिस को खिताब करते हुए 72 शहीदों की दर्द भरी दास्तां सुनाई तो हुसैन के शैदाइयों की आंखो से अश्क बहने लगे। मजलिस के बाद अन्जुमन मुहाफिजे अज़ा कदीम के नौहा ख्वान गुलाम अब्बास नकवी ने अपने साथियों संग गम्गीन नौहा पढ़ा। नौहा और मातमदारों की सदाओं से समूचा क्षेत्र या अली या हुसैन के फलक शिगाफ नारों से गूंजने लगा। रौशनबाग से बख्शी बाजार के रास्ते जुलूस अहमदगंज स्थित इमामबाड़ा फूटा दायरा पर पहुंच कर सम्पन्न हुआ। जुलूस को सम्पन्न कराने में पुलिस प्रशासन के साथ सामाजिक संगठन के सै मो अस्करी, रमीज अहसन, मो जाहिद ने सहयोग किया। बड़ी संख्या में उपस्थित अज़ादारों ने नौहा और मातम का नजराना पेश करते हुए अकीदत के फूल चढ़ाए। इस मौके पर शादाब जमन, आसिफ रिजवी, मंजर कर्रार, अली रिजवी, सादिक आब्दी, आमिर आब्दी आदि मौजूद थे।

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दुलदुल जुलूस आज

पान दरीबा स्थित इमामबाड़ा सफदर अली बेग से उठने वाले दुलदुल जुलूस आज निकलेगा। अन्जुमन के प्रवक्ता सै मो अस्करी के मुताबिक संयोजक मो अली बेग ओर मिर्जा इकबाल हुसैन की कयादत में प्रात: 5 बजे कदीमी जुलूस निकलेगा। जो शहर के अलग-अलग मुहल्लों में गश्त करते हुए रात्रि 8 बजे चक स्थित इमामबाड़ा वजीर हसन पहुंचेगा। रानी मण्डी से मातमी अन्जुमने नौहा ख्वानी के साथ जंजीरों से मातम करते हुए चौक लोकनाथ के रास्ते इमामबाड़ा वजीर हसन पहुंचेगी। दायराशाह अजमल स्थित इमामबाड़ा अली नकवी से दुलदुल जुलूस के साथ दो दर्जन अलम का जुलूस दिन में दो बजे निकलेगा। जो डा। मुस्तफा के अज़ाखाने तक जायेगा।