राज्यसभा सांसद डॉ। सुब्रह्माण्यम स्वामी ने हिन्दुत्व, राम मंदिर, तीन तलाक, पाकिस्तान व चाइना जैसे मुद्दों के जरिए हिन्दुत्व के डीएनए को किया परिभाषित

ALLAHABAD: अस्मिता के दो आयाम होते हैं। एक हमारा आधार और दूसरा उसकी विशेषता। हमारा आधार हिन्दुत्व है जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हमारे डीएनए में बसा है। मुसलमानों को यह बात समझना चाहिए कि उनके पूर्वज हिन्दू थे। इसलिए जाति व धर्म के नाम पर नहीं बल्कि हिन्दुत्व की संकल्पना को साकार करने का प्रयास करना होगा। यह बातें राज्यसभा सांसद व अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ के अध्यक्ष डॉ। सुब्रह्माण्यम स्वामी ने सोमवार को केपी कम्युनिटी सेंटर में पं। दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित 'लोक जीवन में भारतीय अस्मिता' विषय पर हुई संगोष्ठी में कही।

सुप्रीमकोर्ट से जल्द मिलेगा न्याय

डॉ। स्वामी ने राम मंदिर, तीन तलाक, पाकिस्तान व चाइना से बढ़ते तनाव के मुद्दों को भारतीय अस्मिता से जोड़ा। कहा कि राम हमारी आस्था के केन्द्र हैं। वह अयोध्या में पैदा हुए थे। सुप्रीमकोर्ट से जल्द ही इसका निर्णय आ जाएगा। इसके बाद मथुरा और काशी के लिए भी लड़ाई लड़ी जाएगी। क्योंकि, मंदिर हमारी अस्मिता का अभिन्न अंग है। तीन तलाक पर बोलते हुए डॉ। स्वामी ने कहा कि केन्द्र में मोदी की सरकार आने के बाद मुस्लिमों में दो फाड़ हो गया है। मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के विरोध में खड़ी हो गई हैं। मंदिर निर्माण के लिए शिया बोर्ड हमारे साथ खड़ा है।

पाकिस्तान नहीं वह बाकिस्तान है

डॉ। स्वामी ने कहा कि दुनिया भले ही उस मुल्क को पाकिस्तान मानती हो लेकिन हम उसे बाकिस्तान कहते है। बांग्लादेश पहले ही उससे अलग हो चुका है और ऐसे हालात बनते जा रहे हैं कि बलूचिस्तान में आजादी की मांग तेज हो गई है। उसने शांति का मार्ग नहीं अपनाया तो उसे ऐसा जवाब दिया जाएगा जिसको दुनिया देखेगी। यह बात चाइना भी अच्छी तरह से समझ रहा है कि देश हिन्दुत्व की राह पर फिर मजबूती से बढ़ रहा है। हमारी भारतीय सेना पत्थर का जवाब पत्थर से ही दे रही है। एक भी इंच जमीन नहीं छोड़ा जाएगा।

कांग्रेस का स्वदेशीकरण जरूरी

डॉ। स्वामी ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि उस पार्टी ने भारतीय संस्कृति का त्याग कर पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह से ग्रहण कर लिया है। जब तक कांग्रेस का स्वदेशीकरण नहीं होगा उसकी हालत में सुधार नहीं हो सकता है।

संस्कृति ही हमारी पहचान : डॉ। शर्मा

बीएचयू के पूर्व कुलपति डॉ। महेश शर्मा ने विषय पर बोलते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति ही हमारी पहचान है। पं। उपाध्याय की इसी संकल्पना को साकार करने का काम किया था जिसे हम सभी को आगे बढ़ाना होगा। डॉ। कपिल तिवारी ने भारतीय संस्कृति के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। संचालन पीठ के डॉ। चंद्र प्रकाश ने किया।

नहीं आएं मुख्य अतिथि

केपी कम्युनिटी में आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले को शामिल होना था। लेकिन वह नहीं पहुंच सके। संचालन कर रहे डॉ। चंद्र प्रकाश ने बताया कि श्री होसबले के भाई का निधन हो गया है इस वजह से वह नहीं पहुंच सके।