- गायत्री के जीजा की कार चलाता था, वहीं से हुआ था प्रेम

- तीन साल पहले की थी दूसरी शादी, पत्‍‌नी है प्रेगनेंट

ALLAHABAD: मूलरूप से अशोक नगर के नेवादा के विनोद तिवारी की गायत्री पाल से दूसरी शादी थी। पहली पत्नी नीलू के एक साल के बच्चे के साथ भागने के बाद उसने गायत्री से तीन साल पहले लव मैरेज की थी। दूसरी शादी के बाद वह गायत्री के बलईपुर रेलवे कॉलोनी के बगल स्थित घर पर आकर रहने लगा था। गायत्री प्रेगनेंट है। गायत्री का कहना है कि भाई रूपचंद्र की पत्‍‌नी माया ने उसके पति पर झूठा आरोप लगाया था। उसने रूपचंद्र को भड़काकर मर्डर करवाया होगा।

दक्खीलाल की कार चलाता था

विनोद व गायत्री के बीच संबंध दक्खीलाल के घर से बने। गायत्री का बहनोई दक्खीलाल ट्रांसपोर्ट व डेयरी का काम करता है। उसके पास इंडिगो कार थी जिसे विनोद चलाता था। इसी दौरान वह गायत्री के करीब आ गया था और दोनों ने शादी का फैसला कर लिया। गायत्री के पिता महंगू पाल की मौत हो चुकी है। मां बच्ची पाल अशोक नगर में ही झोपड़ी बनाकर रहती हैं। जब लास्ट ईयर छोटे भाई रूपचंद्र ने भी शादी कर ली तो झोपड़े में रहने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद रूपचंद्र और उसकी पत्नी माया को गायत्री ने अपने घर में जगह दी। गायत्री का कहना है कि वह और विनोद बाहर सोते थे और अपना कमरा रूपचंद्र को दे दिया था। रूपचंद्र पहले सब्जी का ठेला लगाता था, लेकिन ठेला चोरी हो जाने के बाद से वह घर पर बैठा है। विनोद भी जब बुकिंग मिलती थी तभी वह घर से निकलता था। गायत्री ही मां के घर का खर्च भी उठाती है।

पड़ोसियों ने साधी चुप्पी

आशंका है कि कत्ल मंडे को दोपहर या शाम के वक्त हुआ होगा। मर्डर विनोद को नशीला पदार्थ खिलाने के बाद किया होगा या सिर की चोट से बेहोश होने के बाद उसके अंग काट डाले गए होंगे। जिस तरह से कत्ल किया गया, उससे साफ है कि रूपचंद्र काफी गुस्से में रहा होगा। मर्डर के वक्त उसकी पत्‍‌नी माया कहां थी, उसकी क्या भूमिका थी, इसका जवाब पुलिस तलाश रही है। फिलहाल तहरीर में उसका नाम नहीं लिखा गया है। हालांकि इस मामले में मोहल्ले के लोगों ने चुप्पी साध रखी है। आसपास कई मकान हैं लेकिन किसी ने कुछ भी नहीं बताया। पड़ोस की एक महिला का कहना है कि उनको न तो किसी की आवाज सुनाई न दी, न ही उन्होंने घर से किसी को भागते हुए देखा।

बह रहा था पानी, चल रहा था कूलर

जिस वक्त पुलिस ताला तोड़कर गायत्री पाल के घर में दाखिल हुई तो टंकी से पानी बह रहा था और कूलर भी चल रहा था। इसी वजह से पुलिस गायत्री की भूमिका को भी संदिग्ध मान रही है। गायत्री अगर मंडे को घर पर आई थी और उसको मर्डर के बारे में कुछ पता नहीं था तो बंद घर में कूलर चलने व पानी की आवाज उसे क्यों नहीं सुनाई दी। गायत्री का कहना है कि उसका ध्यान इस बात पर गया ही नहीं। मर्डर के बाद पूरे घर को पानी से धोया गया था। बाथरूम व कमरे में पानी पड़ा मिला है। माना जा रहा है कि मर्डर कमरे में ही किया गया और बॉडी को लाकर बाथरूम में फेंक दिया गया। हालांकि जब उससे पूछा गया कि उसने ताला लगा होने पर पति व भाई को फोन क्यों नहीं किया तो कहा कि सेलफोन काम नहीं कर रहा था। जब पुलिस ने सेलफोन की जांच की तो उसमें सिम उलटा हुआ मिला।

दिन में कॉल भी नहीं की गई

गायत्री के सेलफोन से आखिरी कॉल मंडे सुबह की गई थी। शाम को उसने किसी को कॉल नहीं की थी। साफ है या तो गायत्री झूठ बोल रही है या उसके डायल लिस्ट से किसी ने नंबर डिलीट कर दिए। पुलिस वेडनसडे को उसके ऑफिस जाकर भी पूछताछ करेगी। हालांकि अगर विनोद के पिता राधेश्याम के दक्खीलाल की मर्डर में भूमिका होने के आरोप सही हैं तो गायत्री को भी जानकारी जरूर हुई होगी। गायत्री मंडे रात दक्खीलाल के घर पर ही थी। दक्खीलाल मंडे रात में घर पर था या नहीं, इस बारे में गायत्री से सही जवाब पुलिस को नहीं मिल पाया है।

तीन भाइयों में मझला था

विनोद तिवारी तीन भाइयों में मझला था। उसके पिता राधेश्याम टेंपो ड्राइवर हैं। फैमिली में दो भाई मनोज, मन्नू व दो बहनें भी हैं। बहनों की शादी हो चुकी है। घर वालों से उसके रिश्तों के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है। यह भी बताया गया है कि पहली शादी भी उसने घर वालों की मर्जी के बगैर की थी। हालांकि तब वह पत्नी के साथ घर पर ही रहता था।

'गलत हो गया है'

प्रतापगढ़ पहुंची पुलिस को माया व ससुराल वालों से पूछताछ में कुछ अहम जानकारियां मिली हैं। माया की फैमिली के लोगों ने बताया कि मंडे रात में घर पहुंचने के बाद वह काफी डरा हुआ था। उसने सिर्फ इतना ही कहा था कि बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई है। माया ने भी अपनी फैमिली से इस बारे में कोई बात नहीं की थी। ट्यूजडे सुबह वह किसी को बिना कुछ बताए ही घर से निकल गया। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस महेश पांडेय का कहना है कि जल्द ही रूपचंद्र व दक्खीलाल को अरेस्ट कर लिया जाएगा। दोनों के सेलफोन की सीडीआर भी निकलवाई गई है।

कुछ सवाल

-गायत्री का सेलफोन अगर काम नहीं कर रहा था तो उसने पीसीओ से कॉल क्यों नहीं की गई

-गायत्री ने भाई रूपचंद्र व उसकी पत्‍‌नी माया से भी संपर्क करने की कोशिश क्यों नहीं की

-दक्खीलाल को अगर मामले की जानकारी थी तो उसने अपनी पत्नी प्रेमा व साली गायत्री को जानकारी दी थी या नहीं

-सुबह घर पहुंचते ही गायत्री ने पुलिस को क्यों बुलाया, रात को उसे कोई शंका क्यों नहीं हुई

-मर्डर के बाद रूपचंद्र को भाग निकलने का मौका देने के लिए तो मामला छुपाया नहीं गया

-मर्डर में रूपचंद्र के अलावा भी कोई दूसरा भी शामिल हो सकता है। शरीर से तगड़े विनोद को अकेले रूपचंद्र काबू नहीं किया जा सकता था