-घर से बुलाकर युवक की हत्या, बॉडी नैनी में त्रिवेणी पुष्प के पास फेंकी

-चेहरे पर भी मारी गई थी गोली, पिता ने पहले ही डीआईजी से मिलकर जताई थी हत्या की आशंका

-प्रतापगढ़ के रानीगंज की पॉलिटिकल फैमिली से है रंजिश

ALLAHABAD: डीआईजी के पास शिकायत लेकर पहुंचे सलीम खान की बातों को सीरियसली पुलिस ने नोटिस ले लिया होता तो इस परिवार की ईद खराब न होती। आईटीआई नैनी के टीचर सलीम को अपना बेटा खोना न पड़ता। सलीम के बेटे साबिर को गोली कुछ इस अंदाज में मारी गई थी कि पहचान ही न हो। प्रथम दृष्टया उसे ट्रेस करने में पिता भी गच्चा खा गए। लेकिन, बेटा अपना था तो उसे पहचान कैसे न पाते। पिता ने हत्या की आशंका पुरानी रंजिश के चलते किए जाने की आशंका जताई लेकिन, तहरीर में किसी को नामजद करने से मना कर दिया है। उनका कहना था कि इंवेस्टिगेट करने का काम पुलिस का है और वह पड़ताल के बाद खुद आरोपियों तक पहुंच जाएगी।

करेली में रहता है परिवार

सलीम खान मूलरूप से रानीगंज प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। वह पत्‍‌नी आसमां, दो बेटों साबिर तथा समीर के साथ करेली में रहते हैं। उनकी तैनाती आईटीआई नैनी में है। उनका बेटा ख्8 साल का साबिर इंश्योरेंस एजेंट के तौर पर काम करता था। आई नेक्स्ट रिपोर्टर को उन्होंने बताय कि रानीगंज की ही एक पॉलिटिकल फैमिली उनके परिवार से रंजिश रखती है। इसी परिवार के लोगों ने तीन महीने पहले सलीम और उनके दोनों बेटों के खिलाफ हत्या के प्रयास की रानीगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि रात में रानीगंज स्थित उनके घर पर फायरिंग की गई। एफआईआर के बाद से सलीम का परिवार डरा हुआ था। प्रतापगढ़ पुलिस से कई बार शिकायत की गई थी लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

फोन कर बुलाया था

सलीम के मुताबिक बुधवार की रात 9.फ्0 बजे के आसपास साबिर के मोबाइल पर किसी का फोन आया। इसके बाद वह परिवार के सदस्यों को एक दावत में शिरकत करने के लिए जाना बताकर निकला था। बाइक से निकला सलीम पूरी रात घर नहीं लौटा तो परिवार के लोगों को उसकी चिंता होने लगी। अपने स्तर पर उन्होंने हर संभावित स्थान पर उसे ट्रेस करने की कोशिश की। लेकिन, कुछ पता नहीं चला। इससे परिवार वाले अनहोनी की आशंका से डरे हुए थे। सुबह उन्हें खबर मिली कि नैनी में ख्8 वर्ष के युवक की बाडी मिली है। इस सूचना पर सलीम अपने पड़ोसी शाह आलम के साथ एसआरएन हॉस्पिटल के पीएम हाउस पहुंचे। पहली नजर में चेहरा पहचान पाना मुश्किल था। लेकिन, कपड़े व बॉडी के पहचान चिन्ह से उन्होंने बेटे साबिर को पहचाना तो फफक पड़े। इसके बाद बॉडी का पीएम दो डॉक्टरों के पैनल ने किया। इसकी वीडियो रिकार्डिग भी की गई।

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अनाथ हो गए बच्चे

बहरिया के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहे साबिर की शादी हो चुकी थी। परिवार के पत्‍‌नी सबी फातिमा के अलावा दो बेटे अली हमजा तथा मो। अब्दुल हैं। पिता सलीम के मुताबिक साबिर को पार्टियों का शौक था। इसे उसे फ्रेंड सर्किल के लोग जानते थे। उसकी इसी कमजोर को शातिरों ने हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। साबिर की पत्‍‌नी, बच्चों को साथ लेकर मायके में है। सूचना मिलने के बाद वह भी यहां पहुंच गई।

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ख्00म् में भी हुआ था हमला

सलीम खान पर ख्9 मार्च ख्00म् को भी जानलेवा हमला हुआ था। वह इसमें जख्मी हो गए थे। रानीगंज की जिस पॉलीटिकल फैमिली से उनकी रंजिश चल रही है, उसी का नाम उस वक्त भी हमले में आया था।

गोली कहीं और मारी, बाडी कहीं और फेंकी

सलीम का कहना है कि साबिर को गोली करेली में ही कहीं पर मारी गई। बाद में बाडी को ठिकाने लगाने की नीयत से नैनी में फेंक दिया गया। हालांकि उनका कहना है कि वह अज्ञात में ही रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। पुलिस जांच कर असली हत्यारे तक पहुंचे।

पिता और भाई पर कई मुकदमे

पुलिस के मुताबिक साबिर के पिता सलीम पर प्रतापगढ़ के रानीगंज थाने में कई मुकदमे दर्ज हैं। हत्या के एक मामले में उसका भाई समीर भी जेल में है। पुलिस साबिर के भी आपराधिक रिकार्ड को खंगालने में जुटी है। इंस्पेक्टर नैनी इंद्रजीत चतुर्वेदी का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला आशनाई का लगता है। इस वक्त सबीर की पत्‍‌नी, बच्चों के साथ मायके गई हुई है।