-पैसेंजर्स और ट्रेन के स्टॉफ मेम्बर्स ने शेयर की घटना

-शोर सुनकर बाहर निकले तो चारों तरफ था धुएं का गुबार

-लगा जैसे आतंकियों ने उड़ा दी हो ट्रेन

सिराथू स्टेशन पर आधा घंटा तपने के बाद निकले थे तो लगा कि अब तो ट्रेन रफ्तार पकड़ ही लेगी। ट्रेन चलने के बाद लू ही सही लेकिन थोड़ी हवा तो आई। इससे राहत महसूस हुई थी। ट्रेन खड़ी रहने के समय इसका कारण जानने के लिए आपस में बातें करते लोग हवा का झोंका मिलने के बाद अपनी-अपनी सीट पर हो गए थे। लेकिन, सिर्फ तीन से चार मिनट के भीतर पूरी कहानी बदल गई। सीन चेंज हो गया। तेज आवाज के साथ पूरी ट्रेन हिलने लगी। बाहर नजर गई तो धुएं का गुबार दिखा। पैसेंजर्स ने स्पॉट पर पहुंचे आई नेक्स्ट रिपोर्टर को घटना की कहानी कुछ इसी अंदाज में बताई।

ईश्वर की कृपा थी जो बच गए

इसमें से एक थीं करेलाबाग इलाहाबाद की रहने वाली म्भ् वर्षीय सुशीला देवी। उन्होंने घटना की सूचना मोबाइल पर अपने फैमिली मेम्बर्स को दी तो उनके होश उड़ गए। वह ट्रेन के बी ख् कोच में सवाल थीं और पंजाब तक सफर करना था। गांव के लोगों ने मदद करके उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचा दिया था। संयोग से तब तक इलाहाबाद से उनके बेटे मंजू राजपूत और जगजीत सिंह भी पहुंच चुके थे। सुशीला देवी ने कहा, रब दी मेहरबानी थी जो बच गई। धमाका सुनने और ट्रेन के डगमगाने के बाद तो उनका हौसल ही छूट गया था।

हम तो आराम की मुद्रा में थे

मूरी एक्सप्रेस के पेंट्री कार मैनेजर बृजेश शर्मा ने बताया कि एक बजे के पहले ही पेंट्री कार में खाना बन चुका था। पेंट्री कार के ख्ख् स्टॉफ में कुछ लड़के जहां वेंडिंग में लगे हुए थे। वहीं बाकी स्टॉफ आराम कर रहा था। पौने दो बजे के करीब इतनी जोर की आवाज हुई कि पूरी ट्रेन हिल गई। बाहर झांक कर देखा तो बस धुएं का गुबार ही नजर आ रहा था। भगवान का शुक्र है कि हम लोगों में किसी को कुछ नहीं हुआ। जनरल कोच में झारखंड के सिमडेगा जिले के रहने वाले फ्भ् लोगों का दल भी मौजूद था, जो जालंधर नौकरी करने जा रहा था। दल की अगुवाई कर रहे बीरन पाल ने बताया कि हम आपस में बातचीत कर रहे थे। इसी बीच अचानक तेज आवाज हुई, जोरदार झटका लगा और ऊपर सो रहे लोग नीचे गिर पड़े। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। हम भी डर के मारे बाहर निकले और कूद पड़े।

शाम साढ़े चार बजे पहुंचे रेलवे अफसर

घटना की सूचना मिलने के बाद सबसे पहले स्थानीय ग्रामीण और फिर सैनी पुलिस पहुंची। करीब ढाई बजे लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया था। एनसीआर से राहत सामग्री के साथ ट्रेन ख्.ख्0 बजे रवाना की गई। इसके स्पॉट पर पहुंचने में चार बज गए। तब पब्लिक को बाहर निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका था। रेलवे की टीम के पहुंचने से पहले ही इलाहाबाद से डीआईजी और आईजी के साथ कौशांबी के एसपी स्पॉट पर पहुंच चुके थे।

रेलवे ने उपलब्ध कराई सुविधा

-दुर्घटना स्थल पर यात्रियों के लिए पीने का पानी, बिस्कुट के पैकेट, जनता खाने के पैकेट एवं नमकीन के पैकेट वितरित किए गए

-यात्रियों के लिए परिवहन निगम के ऑफिसर्स से बात करके फतेहपुर, कानपुर एवं इलाहाबाद जाने के लिए ब्0 बसों की व्यवस्था की गई

-आगे की यात्रा करने के लिए विशेष गाड़ी की व्यवस्था की गयी है

-रेल मंत्री ने दुर्घटना में मृत रेलयात्रियों के लिए ख् लाख, गम्भीर रूप से घायलों को भ्0 हजार एवं सामान्य घायलों को ख्0 हजार रुपए एक्सग्रेसिया के रूप में देने की घोषणा की है।