प्रयागराज ब्यूरो । करछना के युवराज की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नैनी पुलिस कह रही है कि युवक ने नैनी पुल से कूदकर आत्महत्या की है। जबकि युवराज की बॉडी चीख चीख कर गवाही दे रही है कि उसके साथ कोई न कोई अनहोनी हुई है। आत्महत्या तो उसने नहीं की है। ऐस में युवराज की मौत की गुत्थी हत्या या आत्महत्या में उलझ गई है। गुरुवार शाम को अधिवक्ताओं और नैनी पुलिस के बीच विवाद भी हुआ। फिलहाल, परिजनों ने नामजद तहरीर पुलिस को दी है।

ये है घटना

करछना के घटवा गांव का रहने वाला युवराज सिंह 19 मार्च को शहर के लिए निकला। वह करछना के आलोक सिंह, विजय विश्वकर्मा और दो महिलाओं के साथ इलाज के लिए शहर आया था। युवराज इलाज कराने के लिए शहर जा रहा है ये बात उसने घरवालों को बताई थी। शाम को करीब छह बजे घरवालों को सूचना मिली कि युवराज का मोबाइल नैनी पुल पर है। युवराज नैनी पुल से यमुना में कूदा है। इस पर परिजन आनन फानन में नैनी पुल पहुंचे। वहां पर पुलिस ने गोताखोर लगा रखे थे। दूसरे दिन सुबह करीब दस बजे युवराज की बॉडी यमुना से मिली।

हत्या में बदल गया शक

गोताखोरों ने जब युवराज की बॉडी यमुना से निकाली तो उसके एक पैर में जूता था मगर दूसरे पैर में नहीं। यही नहीं, दूसरे पैर से जूते के अलावा मोजा भी गायब था। जबकि एक पैर में जूता और मोजा दोनों था। इसी बात को लेकर घरवालों ने युवराज की हत्या का शक जताते हुए साथ आए लोगों के खिलाफ नैनी कोतवाली में तहरीर दी है। गुरुवार शाम को युवराज का साला आयुष सिंह अपने अधिवक्ता साथियों के साथ नैनी कोतवाली पहुंचे। वहां पर मामले को लेकर अधिवक्ताओं की नैनी पुलिस से बहस भी हुई। फिलहाल, नैनी पुलिस ने जांच के बाद केस दर्ज करने का आश्वासन दिया है।