शहर में एक भी मवेशी नहीं और न ही कहीं अतिक्रमण, लोग करते हैं पूरा सहयोग

वहां का इंतजाम देखकर पांच दिन बाद लौटे निगम के अफसर

स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश का इंदौर शहर कई सालों से देश में अव्वल यूं ही नहीं बना है। वहां के नगर निगम प्रशासन ने सफाई संबंधी उच्च श्रेणी की व्यवस्थाएं तो की ही हैं, इस काम में लोगों का भी पूरा सहयोग मिलता है। वह अपने घरों में सूखा, गीला कूड़ा के अलावा ई-वेस्ट, कोविड वेस्ट, नैपकीन, सेनेटरी पैड अलग-अलग रखते हैं। कूड़ा गाड़ी आने पर लोग उसी कंटेनर में वेस्ट डालते हैं, जिस वेस्ट से संबंधित कंटेनर होता है। अब प्रयागराज में भी उसी तर्ज पर सफाई व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।

इंदौर का जायजा लेकर लौटे अपुसर

इंदौर की सफाई व्यवस्था देखने के लिए 24 नवंबर को मुख्य अभियंता सतीश कुमार और पर्यावरण अभियंता उत्तम वर्मा गए थे। पांच दिन बाद दोनों अफसर शनिवार को लौटे हैं। पर्यावरण अभियंता ने बताया कि वहां शत-प्रतिशत डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन होता है। कूड़ा गाडि़यों में पांच तरह के कंटेनर रखे जाते हैं। लोग सीटी बजने पर बाहर निकलकर उसी कंटेनर में कूड़े डालते हैं, जिससे संबंधित कंटेनर होता है। गाडि़यों से कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन जाता है, वहां भी अलग-अलग कंटेनरों में कूड़ा डाला जाता है और फिर उसे प्रोसेसिंग के लिए कूड़ा निस्तारण प्लांट ले जाया जाता है। जहां पूरी तरह से स्वचालित मशीनों से गीले कूड़े से कंपोस्ट खाद बनाई जाती है। जबकि, सूखे कूड़े से मेटल, रबर, प्लास्टिक, गत्ता, बॉटल, पॉलीथिन अलग कर लिया जाता है।

शत-प्रतिशत यूजर चार्ज कलेक्शन

पर्यावरण अभियंता बताते हैं कि वहां सफाई व्यवस्था में लोगों का भी पूरा सहयोग है। शत-प्रतिशत यूजर चार्ज का कलेक्शन होता है। शहर में एक भी मवेशी और कहीं अतिक्रमण भी नहीं है।

23 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें लगी हैं

पर्यावरण अभियंता बताते हैं कि 23 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें लगी हैं। जितने संसाधन वहां हैं, उसके आधे संसाधन भी यहां नहीं है। उनके मुताबिक वहां की तर्ज पर यहां सफाई व्यवस्था लागू करने के लिए अगले सप्ताह कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी। इसमें लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है। एक मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन खरीदने के लिए टेंडर किया गया है।