-पंजाबी हाता में हुए ब्लास्ट की एटीएस ने की जांच

-मौका-ए-वारदात से कलेक्ट किए गए साक्ष्य

-मकान मालिक के साथ ही अन्य लोगों के लिए गए बयान

ALLAHABAD: नैनी के पंजाबी हाता में मंगलवार को हुआ जबर्दस्त विस्फोट, सामान्य घटना थी? पटाखा बनाने के दौरान बरती गई लापरवाही थी या फिर किसी आतंकी साजिश की तैयारी के दौरान हुई घटना? इन सभी सवालों का जवाब ढूंढने के लिए एटीएस टीम ने जांच शुरू कर दी है। दरअसल, दो तीन मंजिला मकानों के पूरी तरह से धराशाई होने के कारण विस्फोट की इटेंसिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसे देखकर ही खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। वहीं, लखनऊ एटीएस टीम ने बुधवार को मौका-ए-वारदात पर पहुंचकर सुबूत ढूंढे।

कलेक्ट किए सबूत

लखनऊ एटीएस की टीम बुधवार को पंजाबी हाता स्थित ब्रह्मानंद और रामानंद तिवारी के मकान पर पहुंची जहां मंगलवार को दिन में ब्लास्ट हुआ था। टीम के सदस्यों ने ब्लास्ट प्वाइंट पर पड़े मलबे की जांच की। मलबे के बीच से कई सुबूत इकट्ठा किए। ब्लास्ट की भीषणता की जांच करने की कोशिश की। टीम के सदस्यों ने दोनों मकानों के मालिक ब्रह्मानंद और रामानंद तिवारी से भी पूछताछ की। जांच कर रही पुलिस टीम से भी बातचीत की।

जांच के लिए ले गए पाउडर

ब्रह्मानंद और रामानंद तिवारी के आवास में हुए ब्लास्ट के बाद ब्लास्ट प्वाइंट से एटीएस टीम ने कुछ पाउडर इकट्ठा किए हैं, जो पटाखा बनाने वाले बारूद के बताए जा रहे हैं, लेकिन ये पाउडर केवल पटाखा बनाने वाला बारूद है या फिर कोई अन्य घातक विस्फोटक सामग्री, इसकी जांच के लिए एटीएस टीम पाउडर को अपने साथ ले गई है।

गलत पहचान बताई !

एटीएस और जांच कर रही नैनी पुलिस ने बुधवार को भी मकान मालिक ब्रह्मानंद और रामानंद तिवारी से मलबे में मिले दोनों लाशों के बारे में पूछताछ की जिस पर मकान मालिकों ने दोनों को यादव परिवार से जुड़ा होना बताया, जबकि पीएम हाउस में तैनात स्वीपर विजय कुमार ने जांच करने के बाद बताया कि दोनों मृतक हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम हैं। इससे ये आशंका जताई जा रही है कि मृतक दोनों स्थानीय नहीं बल्कि बाहरी हैं। अपनी पहचान बदल कर दोनों यहां रामानंद और ब्रह्मानंद तिवारी के घर में रह रहे थे।

कहां हैं महताब-मनोज

एक तरफ जहां मंगलवार को मलबे में मिले दो शवों और बुधवार को मिले एक और शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है। वहीं, घटना के बाद से फरार चल रहे ब्रह्मानंद तिवारी के मकान में रह रहे किराएदार महताब ओर उसके पिता सलीम उर्फ मनोज कुमार की तलाश पुलिस अभी तक नहीं कर सकी है। दोनों ही आरोपी फरार हैं। इन दोनों के मिलने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा कि घटना की मुख्य वजह क्या है?