हाइब्रिड-एन्यूटी सिस्टम से रीसाइकिल करके बेचा जाएगा दूषित पानी

देश के 10 शहरों में हुई शुरुआत, अपना इलाहाबाद भी है शामिल

ALLAHABAD: नमामि गंगे गंगा नदी को बचाने का एकीकृत प्रयास है और इसके अन्तर्गत व्यापक तरीके से गंगा की सफाई करने को प्रमुखता दी गई है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत नदी की सतही गंदगी की सफाई, सीवरेज उपचार के लिए बुनियादी ढांचे, रिवर फ्रंट विकास, जैव विविधता, वनीकरण और जन जागरूकता जैसी प्रमुख गतिविधियां शामिल हैं।

अब मैनुअल वर्क नहीं

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने शहर में कार्यरत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी तक जहां मैन्युअल आधार पर कार्य कर रहे हैं, वहीं अब जल्द ही हाइब्रिड-एन्यूटी सिस्टम के आधार पर काम करते हुए नजर आएंगे। जिससे काफी तेजी के साथ दूषित पानी को साफ किया जाएगा और फिर उसे रिसाइकिल कर बाजार में बेचा जाएगा। जिसके लिए बाजार विकसित किया जाएगा। कुछ इसी तरह की प्लानिंग के साथ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और उमा भारती ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विज्ञान भवन दिल्ली में देश के दस शहरों में हाइब्रिड-एन्यूटी सिस्टम का शुभारंभ किया। जिन दस शहरों में नमामि गंगे योजना के तहत हाईब्रिड एन्यूटी सिस्टम के तहत एसटीपी को डेवलप किया जाएगा। उसमें अपना इलाहाबाद भी शामिल है। शनिवार को एनआईसी कक्ष में जिलाधिकारी संजय कुमार, मेयर अभिलाषा गुप्ता, एडीए वीसी देवेंद्र कुमार पांडेय के साथ ही अन्य अधिकारियों से केंद्रीय मंत्री रूबरू हुए।

शहर में हो चुके हैं ये काम

इलाहाबाद में 447.34 करोड़ की लागत से 2 योजनाएं हो चुकी हैं पूरी

इसके अन्तर्गत 105.00 किमी सीवर लाइन बिछाया गया

3 नगर सीवेज पम्पिंग स्टेशन का नवीनीकरण व क्षमता वृद्धि हुआ

तथा 105 एमएलडी क्षमता के 4 एसटीपी को चालू कर दिया गया है।

इलाहाबाद में सीवरेज डिस्ट्रिक्ट ए,बी व सी में 806.30 करोड़ लागत की 5 सीवरेज योजनाएं हैं निर्माणाधीन

592.00 किमी सीवर लाइन, 8 सीवेज पम्पिंग स्टेशन तथा 14 एमएलडी क्षमता के सलोरी एसटीपी का निर्माण प्रस्तावित

नैनी रेल पुल पर लैटिस ब्रिज बनाकर राइजिंग मेन शिफ्ट करना निर्माणाधीन

ये योजनाएं प्रस्तावित

1039.14 करोड़ लागत की पांच सीवरेज योजनाओं के डीपीआर स्वीकृति के लिए भेजा गया है

इसके अन्तर्गत 70 किमी सीवर लाइन, 7 सीवेज पम्पिंग स्टेशन का निर्माण तथा 69 एमएलडी क्षमता के 3 एसटीपी के निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने हैं

बताया गया कि झूंसी क्षेत्र से गंगा नदी में 58 नाले तथ यमुना नदी में 17 नाले कुल 75 नग नाले गिरते हैं।

इनमें से 36 नाले विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत टैप कर लिए गए हैं

19 नाले निर्माणाधीन योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर टैप हो जायेंगे

20 नाले प्रस्तावित योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर टैप किये जा सकेंगे