आई स्पेशल
- दो प्रोफेसर के कुर्सी छोड़ने से पटरी से उतरी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की व्यवस्था
- फंस गई पीजी की सीटें, पहले ही बंद हो चुका है डिप्लोमा कोर्स
vineet.tiwari@inext.co.in
ALLAHABAD: दो प्रोफेसर के चले जाने से चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की व्यवस्था पटरी से उतर गई है। पीजी की सीटें तो फंसी ही हैं, मरीजों को भी बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। डिप्लोमा कोर्स पहले ही बंद हो चुका है। कॉलेज प्रशासन फिलहाल प्रोफेसर की तलाश में जुट गया है।
कैसे बढ़ेंगी सात सीटें?
इस बार मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसर डॉ। डीके सिंह और रुचि राय के नौकरी छोड़कर चले जाने से पीडियाट्रिक विभाग में पोस्ट ग्रेजुएशन की छह सीटें बढ़ाए जाने का प्रपोजल अधर में लटक सकता है। नियमानुसार दो सीट बढ़ाने के लिए एक प्रोफेसर की उपस्थिति विभाग में जरूरी है।
ये होंगी दिक्कत
- चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में बेड की संख्या 120 हुई है।
- इलाज के लिए डॉक्टर्स की कमी बढ़ी हुई पीजी सीटों से पूरी होगी।
-एमबीबीएस की सीटें इसी साल बढ़कर डेढ़ सौ हुई हैं।
-जुलाई के बाद नौ फैकल्टी मेंबर चाहिए होंगे। जिसके लिए प्रोफेसर्स की जरूरत है।
फैक्ट फाइल
-कुल बेड- 120
-प्रतिदिन ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 200
कुल फैकल्टी आठ, एक प्रोफेसर, तीन लेक्चरर
- दो एसोसिएट प्रोफेसर और दो सर्जन
-वर्तमान में पीजी की केवल तीन सीटें हैं।
- चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में फैकल्टी की कमी को एमसीआई के नार्म्स के हिसाब से पूरा किया जा रहा है। एक एसोसिएट प्रोफेसर का अपाइंटमेंट हो गया है। चार पीजी सीटों को बढ़ाए जाने का प्रपोजल एमसीआई को भेजा जाएगा।
प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज