प्रयागराज ब्यूरो । साइबर अपराधी अब सोसायटी में एंट्री और पार्किंग के लिए इस्तेमाल होने वाले जैसे नामों के पार्क प्लस व पार्क परिवहन नाम के डुप्लीकेट एप के जरिए एक लिंक बनाकर लोगों को भेजकर चूना लगाने का काम कर रहे हैं। एक मामले में कस्टमर के वॉयलेट अकाउंट से पैसा तक उड़ा दिए। दूसरे केस में चालान काउंटर पर जाने पर फ्राड लिंक के बारे में कस्टमर को जानकारी हुई। आपको बता दें कि उस मैसेज में लिखा था कि पार्क प्लस ने चालान का स्टेटस चेक करने की सुविधा शुरू की है। आपका भी चालान पांच हजार रुपये का हो गया है। लिंक पर चेक कर देखें आखिर कहां पर और किस चीज का आपका चालान हुआ है। यह मैसेज बिल्कुल चालान विभाग द्वारा भेजे गए पैटर्न की तरह होता है। जिससे लोग धोखा खा जा रहे है। इसमें वाहन की फोटो तक दिखाई पड़ती है। साइबर एक्सपर्ट की माने तो चालान विभाग द्वारा फोटो के साथ किये गए चालान का डाटा लीक हो रहा है। उसी फोटो का मिस यूज हो रहा है। फिलहाल अभी जांच चल रही है। यह किस तरह का नया फ्राड है।

ओवरस्पीड के नाम पर था चालान
बमरौली के रहने वाले एयर फोर्स विभाग के अधिकारी अजीत कुमार बताते हैं कि उनके पास ओवरस्पीड के नाम पर चालान काटा गया था। जिसके चेक करने के लिए लिंक पर क्लिक करने के लिए निर्देश दिया गया था। मैसेज में लिखा गया था कि इस लिंक पर क्लिक करने आप चालान का स्टेटस पता कर सकते हैं। मैसेज को अधिकृत नंबर से दिखाने के लिए इसमें एक ऑफिस का पता नंबर के नीचे लिखा हुआ था। ट्रू कॉलर में भी इसको पार्क परिवहन नंबर से सेव किया गया था जिसके कारण ये वहीं नंबर शो हो रहा था। विश्वास में आकर अपने अधिकृत नंबर से चेक किया तो वॉयलेट अकाउंट में पड़ा पैसा कट गया। बड़ा ही हाईटेक फ्राड का तरीका है। इस एप का इस्तेमाल बड़ी सिटी में ज्यादा होता है।

व्हाट्सएप पर भी कोई लिंक आए नहीं क्लिक करें
टैगोर टाउन क्षेत्र के रहने वाले दिव्या शंकर बताते है कि कुछ दिन पहले उनके व्हाट्सएप पर एक लिंक आया था। उन्होंने देखकर इग्नोर कर दिया। उसके कुछ ही देर बाद नार्मल मैसेज का आ गया। जिसमें नो पार्किंग में गाड़ी होने का चालान मैसेज था। उस वक्त उनकी गाड़ी बहू लेकर मार्केट गई थी। उनको लगाकर सही में नो पार्किंग का चालान हो गया है। वह जब चालान काउंटर पुलिस लाइन स्थित पहुंचे तो पता चला इस तरह का कोई चालान उनके विभाग या ई-चालान से कुछ हुआ ही नहीं है। इसपर उन्होंने उपभोक्ता फोरम में मानसिक रूप से परेशान का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर वह अनजाने में क्लिक देते तो अकाउंट से पैसा तक कट जाता।


तुरंत करें संपर्क
किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी होती है तो आप तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन कर सकते हैं।

यह फ्राड करने का तरीका नया आया है। लोगों से अपील है कि कोई भी लिंक पर क्लिक करने से पहले पूरी तरह से इंक्वायरी कर लें। ताकि आपकी मेहनत से कमाई रकम कोई साइबर अपराधी लेकर न उड़ जाये।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना प्रभारी प्रयागराज