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47 हजार लाइसेंसधारी मौजूद हैं जिले में अभी तक

01 फीसदी भी इनमें नहीं हैं महिलाओं की संख्या

4100 लोगों ने नए आवेदन के लिए फॉर्म अप्लाई किया है

03 से चार फीसदी हैं इसमें महिला आवेदकों की संख्या

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-नेता, बिजनेसमैन और रसूखदार परिवार की महिलाओं को चाहिए असलहे

-वरासत के मामलों में भी महिलाओं ने अपने नाम कराए हथियार

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-नेता, बिजनेसमैन और रसूखदार परिवार की महिलाओं को चाहिए असलहे

-वरासत के मामलों में भी महिलाओं ने अपने नाम कराए हथियार

vineet.tiwari@inext.co.in

PRAYAGRAJ: vineet.tiwari@inext.co.in

PRAYAGRAJ: फरवरी में असलहा लाइसेंस से रोक हटने के बाद हजारों की संख्या में नए आवेदन हुए हैं। सबसे अहम कि इसमें पांच फीसदी महिलाएं भी हैं। उन्होंने भी आत्मरक्षा की दुहाई देते हुए शासन-प्रशासन से असलहा दिए जाने की मांग की है। इनमें नेता, बिजनेसमैन और रसूखदार परिवार की महिलाएं शामिल हैं। हालांकि, अभी किसी को आर्म लाइसेंस इश्यू नहीं किया गया है। लेकिन असलहे के शौकीनों में महिलाओं ने खुद शुमार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

ब्क्00 हैं नए आवेदन

ख्0क्ब् से यूपी में नए असलहा लाइसेंस पर रोक लगा दी गई थी। केवल कंडीशनली ही लाइसेंस दिए जा रहे थे। इसी साल फरवरी से योगी सरकार ने इस रोक को हटा लिया। इसके बाद आवेदन करने वालों की बाढ़ आ गई। अभी तक ब्क्00 लोगों ने नए आवेदन के लिए फॉर्म अप्लाई किया है। इनमें से तीन से चार फीसदी महिलाएं भी बताई जा रही हैं। यह अपने आप में चौकाने वाला आंकड़ा है। इन महिलाओं ने आत्मरक्षा की दुहाई देकर असलहे की मांग की है।

फिलहाल एक फीसदी भी नही हैं लाइसेंसधारी

जिले में वर्तमान में ब्7 हजार लाइसेंसधारी मौजूद हैं। इनमें महिलाओं की संख्या एक फीसदी से भी कम है। कारण साफ है। पूर्व में महिलाएं असलहों के प्रति अधिक जागरुक नही थीं। लेकिन सोसायटी में बढ़ते अपराध और छेड़खानी की घटनाओं ने उन्हें अपनी सुरक्षा के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में जो सक्षम महिलाएं हैं वह लाइसेंस प्राप्त करने की होड़ में शामिल हो गई हैं। वह अपनी सिक्योरिटी के लिए आधुानिक असलहों से लैस होना चाहती हैं।

वरासत में भी बढ़ी दावेदारी

नए लाइसेंस के साथ वरासत के मामलों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। बताया जा रहा है कि इस साल हुए भ्00 वरासत के मामलों में दस फीसदी मामलों में महिलाओं ने अपने नाम असलहे कराए हैं। यानी पति की मृत्यु या बुजुर्ग होने के बाद बेटे या बेटियों की जगह पत्‍‌नी ने असलहे का मालिकाना हक लेने में दिलचस्पी दिखाई है। इस तरह के बढ़ते मामलों ने भी महिलाओं के आगे आने की ओर इशारा किया है।

बॉक्स

इनके पास मौजूद हैं असलहे

मेयर अभिलाषा गुप्ता, फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल और पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन के पास भी लाइसेंसी असलहे मौजूद हैं। हाल ही में राज्य महिला आयोग की एक सदस्य ने भी असलहा लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। शहर में और भी रसूखदार परिवार की महिलाएं हैं जिनके पास असलहे का लाइसेंस मौजूद हैं।

वर्जन अभी दिया जाएगा