बीएसएनएल को पत्र लिख चुके हैं अधिकारी, पब्लिक शिकायत पर भी कोई सुधार नहीं

PRAYAGRAJ: एडमिनिस्ट्रेटिव और पुलिस ऑफिसर्स को एलॉट सीयूजी नंबर पब्लिक के किसी काम के नहीं रहे। इन नंबर्स पर कॉल करने पर बात हो जाएगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है। वीक नेटवर्क के चलते अफसरों के लिए भी सीयूजी नंबर सजा जैसा हो गया है। इसकी शिकायत कई बार की गयी लेकिन कोई चेंज नहीं आया।

आसान नही है सीयूजी पर बात करना

अधिकारियों का सीयूजी नंबर अव्वल तो उठता ही नहीं। उठ गया तो ज्यादातर अर्दली कॉल रिसीव करते हैं। जवाब मिलता है कि साहब मीटिंग में व्यस्त हैं। अब नई समस्या पैदा हो गई है। बीएसएनएल का नेटवर्क पुअर होने से काल कनेक्ट ही नहीं होती। इसके बाद काल ड्राप की दिक्कत भी विकराल है। बता दें कि सरकार ने पुलिस और प्रशासन के पदेन अधिकारियों सीयूजी नंबर वितरित किए हैं।

खस्ताहाल है बीएसएनएल की सर्विस

बीएसएनएल के खराब नेटवर्क के चलते कंपनी के कई अधिकारियों का वेतन भी रोक दिया गया है। पूरे देश में बीएसएनएल की पुवर परफॉर्मेस से हाहाकार मचा है। प्रयागराज भी अछूता नही है। खुद अधिकारियों की कम्प्लेन है कि केबिन से लेकर रिमोट एरिया तक नेटवर्क सिरदर्द बना हुआ है।

पर्सनल नंबर पर मिलते हैं अधिकारी

सीयूजी पर भले ही अधिकारियों से बात नही हो पाए लेकिन वह अपने पर्सनल नंबर पर हमेशा उपलब्ध रहते हैं। इन पर तत्काल कॉल लग जाती है। प्राब्लम यह है कि यह नंबर हर किसी को उपलब्ध नहीं होता। अननोन को गलती से नंबर मिल गया और उसने कॉल कर लिया तो फजीहत भी झेलनी पड़ सकती है।

जो नंबर जनता की सेवा के लिए दिए गए हैं उन पर काल जल्दी नहीं लगती है। बमुश्किल कॉल लग भी जाए तो बात पूरी नहीं हो पाती।

नूर खान, समाजसेवी

बीएसएनएल ठीक प्रकार से काम नही कर रहा है तो अधिकारियों को दूसरी कंपनी का नंबर एलॉट कराया जाना चाहिए। सरकार की एक गलती से पूरी मशीनरी के कामकाज पर सवाल लग जाता है।

अरशद अली, व्यापारी

कई बार लगता है कि कॉल करने से अच्छा है संबंधित अधिकारी से समय लेकर मिल लिया जाए। एक तो फोन नहीं लगता लग भी जाय तो अर्दली उठाकर बताता है कि साहब बिजी हैं।

अकबर अली, स्टूडेंट

महत्वपूर्ण अधिकारियों को बेहतर नेटवर्क वाले मोबाइल नंबर दिए जाने चाहिए। नेटवर्क वीक होने से जनता नहीं अफसरों को भी दिक्कत होती होगी। इस बारे में शासन को तत्काल सोचना चाहिए।

लोकनाथ शुक्ला, व्यापारी

अधिकारी परेशान हैं। कई बार बीएसएनएल अधिकारियों को वर्बल के साथ रिटेन कम्युनिकेशन किया गया है। फिर भी नेटवर्क में सुधार नहीं है।

-एके कनौजिया,

एडीएम सिटी, प्रयागराज