-दिवाली के अध्यात्मिक रहस्य से उठाया पर्दा

PRAYAGRAJ: भाई-बहन के परस्पर स्नेह का त्योहार भाई दूज ब्रम्हकुमारी के चाका ब्लॉक स्थित निर्माणाधीन सदभावना भवन में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर संस्था की क्षेत्रीय संचालिका मनोरमा दीदी ने सभी को टीका किया और उनके स्वस्थ एवं सुखी जीवन की शुभकामना दी। उन्होंने दिवाली के अध्यात्मिक रहस्य समझाते हुए उन्होंने कहा की दीपोत्सव का त्योहार दीपावली भारतवर्ष में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इससे पहले धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं, यह वैद्य धनवंतरी की याद में मनाया जाता है। यह भी कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन दोनों जीवन के आवश्यक अंग है। धनतेरस के दूसरे दिन नर्क चतुर्दशी आती है, कहा जाता है नरकासुर ने 16000 कन्याओं को बंदी गृह में डाल दिया था भगवान ने आकर नरकासुर का वध करके सभी कन्याओं को मुक्त कराया था इसी की यादगार में नरकी चतुर्दशी मनाई जाती है। इसके साथ ही उन्होंने दिवाली पर नए वस्त्र, बर्तन, सोना-चांदी आदि की खरीद व गोवर्धन पूजा के महत्व पर प्रकाश डाला। भाई दूज के बारे में उन्होंने कहा पौराणिक गाथा है कि यम और यमुना दो भाई बहन थे। यम धर्मराज के पद पर थे। यमुना ने टीका किया मुंह मीठा कराया और उनको आशीर्वाद दिया। इसके एवज में उन्होंने वरदान दिया कि भाई दूज के दिन बहन के द्वारा जिस भाई को टीका लगाया जाएगा, मुंह मीठा कराया जाएगा उनको शुभ आशीष और दुआएं दी जाएंगी। वह यम के भय से मुक्त हो जाएंगे।