कई मामलों में जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी लंग्स मिले इंफेक्टेड

सिटी स्कैन से पता चला कोरोना पॉजिटिव, लगातार रूप बदल रहा है वायरस

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अगर आप अब भी मास्क और सोशल डिसटेंसिंग फॉलो नही कर रहे हैं तो होशियार हो जाइए। क्योंकि कोरोना वायरस आपकी लापरवाही का बखूबी फायदा उठा रहा है। वह लगातार अपने रूप बदल रहा है। फिलहाल इस वायरस ने नई चाल चलनी शुरू कर दी है। अब यह गले और नाक में रहने के बावजूद अपनी मौजूदगी का अहसास नहीं करा रहा है। साइलेंटली लंग्स पर अटैक कर रहा है। इसका खुलासा सीटी स्कैन में हा रहा है। तब तक मरीज सीरियस हो जाता है।

आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव

हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए जब एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच में मरीज कोरोना निगेटिव पाया गया लेकिन उसे सांस लेने में तकलीफ बनी हुई थी। ऐसे में जब सीटी स्कैन कराया गया तो उसमें लंग्स में पैचेस सामने आए। इससे पता चला कि उसके फेफड़ों में कोरोना इंफेक्शन हो चुका है। ऐसी हालत में मरीज को आनन फानन में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया लेकिन तब तक वह काफी सीरियस हो चुका था। प्रयागराज में अब तक ऐसे कई मामले सामने आने आ चुके हैं। खुद डॉक्टर्स इसकी पुष्टि कर रहे हैं।

मरीजों को भर्ती करने में दिक्कत

ऐसे मामलों में सबसे बड़ी दिक्कत मरीजों को भर्ती करने की है। नियमानुसार कोविड हॉस्पिटल में उसी मरीज को भर्ती किया जा सकता है जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई हो। शुरुआती जांच निगेटिव होने पर ऐसे मरीजों रखना मुश्किल हो रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि गवर्नमेंट से नियमों में बदलाव करने की मांग की जा रही है ताकि ऐसे मरीजों का इलाज किया जा सके। वरना मार्टेलिटी रेट तेजी से बढ़ सकता है। मौके पर इलाज नही मिलने से जान बचाना मुश्किल होगा।

बेहद सतर्क रहने की जरूरत

डॉक्टर्स का कहना है कि लोग वायरस की गंभीरता को समझ नही रहे हैं।

यह अपने नेचर में लगातार बदलाव कर रहा है।

अब यह शुरुआत में गले और नाक के भीतर रहता तो है लेकिन कोई सिम्पटम्स प्रकट नही करता।

पांच से छह दिन बाद यह वायरस लंग्स में इंफेक्शन पैदा करता है

तब मरीज को पता चलता है कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

ऐसे में वह जाचं करवाता है तो यह निगेटिव आती है और सीटी स्कैन में सच सामने आ जाता है।

बचना है तो इसका करिए पालन

किसी भी अनजान व्यक्ति के करीब मत जाइए। छह फिट की दूरी बनाकर रखें

कोई खांस या छीक रहा है तो उससे सतर्क रहने की जरूरत है।

घर के बाहर निकलते समय हमेशा मास्क लगाकर रखिए।

मास्क को बार-बार हाथ से न छुएं। पहनने का तरीका सीखें

बाजार की चीजों के खानपान से फिलहाल बचें।

नहीं है सौ फीसदी सेंसेटिविटी

एंटीजन और आरटीपीसीआर दोनों जांच में सौ फीसदी सेंसेटिविटी नही है। यह दोनों जांच अधिकतम 70 फीसदी तक ही वायरस की मौजूदगी को पकड़ पाती हैं। अगर गले या नाक में वायरस की मौजूदगी कम है तो यह दोनों जांच निगेटिव आती हैं। इसके बाद लंग्स में वायरस की मौजूदगी केवल सीटी स्कैन से ही पता चलती है।

हमारे पास ऐसे कई मामले आ रहे हैं। जिसमें जांच निगेटिव आने के बावजूद लंग्स में इंफेक्शन नजर आ रहा है। ऐसे मरीजों के इलाज में दिक्कतें भी पेश आ रही हैं। इसलिए लोगों से अपील है कि खुद को बचाकर रखें और भीड़ वाली जगहों पर न जाएं। घर से बाहर मास्क जरूर पहनें।

डॉ। प्रमोद कुमार

सीएमएस, यूनाइटेड मेडिसिटी