- राम-केवट संवाद को सुनकर दर्शक हुए भावविभोर

नगर में अलग-अलग स्थानों पर कोविड महामारी की गाइड लाइन का पालन करते हुए रामलीला का मंचन हो रहा है। श्री कटरा रामलीला कमेटी की ओर से श्रंगवेरपुर प्रवास, श्री राम-केवट संवाद लीला का मंचन हुआ। इसे उपस्थित जनसमूह द्वारा खूब सराहा गया। लीला मंचन से पहले महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती अनामिका चौधरी ने चीफ गेस्ट के रूप में श्री रामायण जी की आरती उतारी।

दशरथ ने त्याग दिया प्राण

लीला मंचन के प्रथम दृश्य में राम, लक्ष्मण और सीता की श्रंगवेरपुर में भीलों के राजा निषादराज से भेंट होती है। निषाद अपनी भील बस्ती में उनके दर्शन पाकर खुद को धन्य मानता है और प्रभु का भावपूर्वक स्वागत सत्कार करता है। कुछ समय श्रंगवेरपुर प्रवास करने के बाद राम, लक्ष्मण और सीता आगे वन पथ पर प्रस्थान करते हैं। अगले दृश्य में गंगा तट पर पहुंचे राम अपने साथ आये सुमंत को रथ सहित अयोध्या वापिस लौट जाने को कहते हैं। गंगा के घाट पर नदी पार जाने के लिये राम अपने भक्त केवट से नाव मांगते हैं, लेकिन केवट इसके लिए तैयार नहीं होते। नाव में बैठाने से पहले केवट बडे़ भाव से राम, लक्ष्मण और सीता के चरण धुलाते हैं.राम-केवट संवाद को सुनकर दर्शक भावविभोर हो गये। वहीं राजा दशरथ ने श्रवण कुमार का भूल से किये गये वध और श्रवण के माता-पिता द्वारा मिले हुए श्राप का याद करते हुए राम के वियोग में प्राण त्याग देते हैं। उधर भरत औ शत्रुघ्न वापस अयोध्या आते हैं, सभी बातों का पता चलता है माता कैकेयी को फटकारते हुए आक्रोश व्यक्त करते हैं।