प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यदि आप शहर में बाइक और कार से सफर करते हैं तो आज की यह खबर आप के लिए बेहद खास है। जिसे पढऩे के बाद आप खुशी से झूम उठेंगे। क्योंकि ट्रैफिक सिग्नल पर बगैर रश के आप को एक से डेढ़ मिनट धूप और बारिश व ठंडी में रुककर ग्रीन सिग्नल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आप सिग्नल पर खड़े हैं और चौराहे पर भीड़ नहीं है तो रेड सिग्नल समय से पहले अपने आप ग्रीन हो जाएगा। जिन चौराहे के सिग्नल पर भीड़ अधिक होगी वहां के सिग्नल की टाइमिंग आवश्यकता के अनुसार अपने आप बढ़ जाएगा। कहने का मतलब यह कि ट्रैफिक सिग्नल की टाइमिंग भी आटोमेटिक हो जाएगी। इसके लिए प्रशासन स्तर पर प्लानिंग तेजी के साथ की जा रही है। इसे लेकर कई राउंड अफसर मीटिंग कर चुके हैं। यह सब कैसे संभव होगा? यह जानने से पहले आप समझ लीजिए कि आखिर शहर में चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल की भौगोलिक स्थिति क्या है।

34 चौराहों पर शहर में है ट्रैफिक सिग्नल
90 सेकंड डेढ़ मिनट का बड़े चौराहों की टाइमिंग
60 सेकंड यानी एक मिनट छोटे चौराहों पर रेड लाइट
500 रुपये पहली बार सिग्नल जंप पर है चालान का शुल्क
1500 रुपये चालान शुल्क है दूसरी बार सिग्नल जंप पर
07 किमी के सफर में 90 सेकंड वाले हैं छह सिग्नल
500 मीटर भी नहीं है कई चौराहों पर एक दूसरे से दूरी

यह है सिग्नल की भौगोलिक स्थिति
शहर में छोटे और बड़े मिलाकर दो सौ के करीब मुख्य चौराहे और तिराहे हैं। बताते हैं कि इनमें प्रमुख 34 चौराहों पर वर्ष 2019 के महाकुंभ से पूर्व ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया था। इन चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लग जाने के बाद यात्री खुद-ब-खुद रेड सिग्नल पर गाडिय़ों को रोक कर रुकने लगे और ग्रीन पर चलने लगे। शुरुआती दौर में लोगों को आदत थी नहीं लिहाजा सिग्नल तोडऩे पर चालान भी खूब हुए थे। चालान ट्रैफिक पुलिस के द्वारा फिजिकल किए जाते थे इस लिए नोक झोक जैसी स्थितियां बनी रहती थीं। इस स्थिति से निपटने के लिए सिग्नल पर हाई रेजीडेंस के कैमरे और आटोमेटिक चालान सिस्टम सेट कर दिया गया। आज हालात यह है कि उन चौराहों पर सिग्नल जंप करने या जेब्रा लाइन क्रास करने पर अथवा बगैर हेलमेट होने पर अपने आप चालान हो जाता है। पहली बार रेड सिग्नल जंप पर 500 रुपये और दूसरी बार सिग्नल तोडऩे पर 1500 रुपये गाडिय़ों के चालान हो रहे हैं। इतना ही नहीं शहर के कई ऐसे सिग्नल वाले चौराहे हैं जिनकी एक दूसरे दूरी करीब 500 मीटर भी नहीं है। उदाहरण के लिए म्योहाल चौराहे से लोक सेवा आयोग चौराहा और इसी म्योहाल चौराहे से धोबी घाट और एकलव्य चौराहे के बीच की दूरी को देखा जा सकता है। एक तो चौराहों के बीच की गैपिंग इतनी कम ऊपर से हर चौराहे पर 90 सेकंड के रेड सिग्नल पर रुकना यात्रियों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। सिग्नल रेड है तो लोगों का रुकना ही है फिर चाहे चौराहे पर भीड़ या जाम हो अथवा नहीं। इसी समस्या से शहरियों को निजात दिलाने के लिए प्रशासन पुख्ता प्लानिंग में जुटा हुआ है।

अब और स्मार्ट होंगे ट्रैफिक सिग्नल
सिग्नल वाले प्रमुख चौराहों पर अब प्रशासन एआई यानी आटोमेटिक इंटेलीजेंस सिग्नल की व्यवस्था करने जा रहा है। बताते हैं कि सिग्नल यानी सारा कुछ वही होगा बस एक एआई मशीन लगा दी जाएगी। जिससे सभी ट्रैफिक सिग्नल कनेक्ट कर दिए जाएंगे। यह मशीन लगने के बाद चौराहे खाली होने के बावजूद किसी को रेड सिग्नल पर 90 सेकंड नहीं रुकना पड़ेगा। क्योकि एआई मशीन हर चौराहे पर नजर रखेगा। वह जिस चौराहे पर भीड़ कम होगी और सिग्नल रेड है वहां के सिग्नल को अपने आप ग्रीन कर देगा। इसके लिए वह सिग्नल टाइमिंग 90 सेकंड का इंतजार नहीं करेगा। बताते हैं कि बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, जिन चौराहों पर रस अधिक होगा और मशीन को लगेगा कि यहां तीन चार सेकंड एक्ट्रा की जरूरत है तो वह रेड सिग्नल की टाइमिंग वहां पर बढ़ाकर उतना समय सेट टाइम 90 सेकंड में जोड़ देगा। इससे चौराहे खाली होने के बावजूद अनायास लोगों को सिग्नल पर एक से डेढ़ मिनट रुकना नहीं पड़ेगा।

यहां चौराहों के बीच की दूरी एक दूसरे से कम है। इस लिए शीर्ष अफसरों के द्वारा ऐसे चौराहों के सिग्नल को स्मार्ट बनाने के लिए एआई सिस्टम लगाने का प्लान तैयार कर रहे हैं। इसके लिए बैठकें हो चुकी है। प्लान पर काम चल रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो महाकुंभ से पहले कुछ चौराहों पर इसकी टेस्टिंग शुरू हो जाएगी।
अमित कुमार, टैफिक इंचार्ज