प्रत्याशियों के नामांकन के आगे बेबस हो गई जनता

लॉ एंड ऑर्डर को दी चुनौती, सड़कों पर लगाया जाम

जहां-तहां फंसे रहे स्कूली बच्चे, रेंगते रहे वाहन

ALLAHABAD: नामांकन को केवल दो दिन ही बचे थे। सो नेता जी ने शनिवार को शुभ मुहूर्त देखकर नामांकन करने में भलाई समझी। ऐसा एक समझता तो ठीक था, शनिवार को अचानक दर्जनों की संख्या में प्रत्याशी जुलूस लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे तो भीड़ देखकर जनता बेबस हो गई। जो जहां था वहीं रुक गया। धूमनगंज से लेकर दारागंज तक और तेलियरगंज से मीरापुर तक चुनावी जुलूस के चलते भीषण जाम लगा रहा। इसके चलते वाहन रेंगते रहे और स्कूली बच्चों को घर पहुंचने में घंटो लग गए। प्रत्याशियों के शक्ति प्रदर्शन के आगे ट्रैफिक पुलिस भी बेबस और लाचार नजर आई।

चारों ओर से पहुंचे जुलूस

शनिवार को शायद ही शहर का कोई ऐसा कोना रहा हो जहां चुनावी धमक ने दस्तक नही दी। भारी संख्या में प्रत्याशियों के लाव लश्कर के साथ निकलने के चलते जानसेनगंज , चौक, शाहगंज, रेलवे स्टेशन और नवाब युसुफ रोड पर चलने की जगह नही बची। यही हाल झूंसी और नैनी पुल का रहा। यहां से भी प्रत्याशी बड़ी संख्या में वाहन लेकर शहर पहुंचे। नतीजा यह रहा कि फोर्टरोड, दारागंज, चुंगी, अलोपीबाग, जार्जटाउन और टैगोर टाउन में भी वाहन चीटी की रफ्तार से चलते रहे। किसी को निकलने की जगह नही मिली।

इन एरियाज का बुरा हाल

सबसे बुरा हाल कटरा, कचहरी, सिविल लाइंस, पीडी टंडन रोड, स्टैनली रोड और कंपनी बाग के आसपास का रहा। यहां पर प्रत्याशियों का जुलूस थम गया और सड़क जाम हो गई। पुलिस द्वारा जगह रूट डायवर्जन करने की वजह से लोग जहां तहां फंसे रहे। इन इलाकों के स्कूलों की छुट्टियां होने के बाद स्कूली बच्चे भी परेशान हो गए। जहां वह रोजाना अपने घर बीस से तीस मिनट में पहुंचते थे वहां उनको दो घंटे तक लग गए। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस वालों ने किसी की नही सुनी। स्कूली वाहनों को भी बैरियर लगाकर दूसरा रास्ता दिखा दिया। कहीं-कहीं एंबुलेंस भी जुलूस और समर्थकों के जोश का शिकार हो गई। बमुश्किल उन्हें मरीज को ले जाने का रास्ता मिला।

सोमवार को भी ऐसे रहेंगे हालात

बाकी बचे प्रत्याशी अब सोमवार को नामांकन कराएंगे। इसलिए उस दिन भी शहरियों को जाम की समस्या से जूझना पड़ सकता है। उधर, शनिवार सुबह से ही सड़कों पर भीड़ नजर आने लगी थी। प्रत्याशी के समर्थन में दूर दराज से आए समर्थक शहर पहुंच गए थे। इसकी वजह से शहर के कई इलाकों में जाम की स्थिति बनने लगी थी। खासकर जो लोग कचहरी, कलेक्ट्रेट, विकास भवन आदि में निजी काम से आए थे, उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उनके वाहन भी बैरीकेडिंग कर कार्यालयों से दूर रोक दिए गए।