प्रयागराज ब्यूरो । उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने वाला बताये जा रहे मुस्लिम हॉस्टल के अंत:वासी सदाकत को सदस्य बताये जाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है। एसोसिएशन की तरफ से एक रिलीज जारी की गयी। बार की तरफ से कहा गया है कि सदाकत न तो कभी बार का सदस्य रहा है और न ही उसका आवेदन बार में रजिस्ट्रेशन के लिए पेंडिंग है। कहा गया कि इस तरह की भ्रामक तथ्यहीन सूचना प्रसारित होने से अधिवक्ताओं के मान सम्मान को ठेस पहुंचती है। इस तरह की सूचना प्रकाशित करने से पूर्व मीडिया समूह को हाई कोर्ट बार से सही जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए थी। रिलीज संयुक्त सचिव प्रेस अमरेन्दु सिंह की तरफ से जारी की गयी है।

दोपहर बाद केस हुआ पेश
अधिवक्ता उमेश पाल मर्डर केस की स्क्रिप्ट गढऩे वाले सदाकत खान को पुलिस द्वारा मंगलवार दोपहर बाद कोर्ट में पेश किया गया। न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 13 मार्च की डेट तय किया है। चूंकि गिरफ्तारी के वक्त भागते हुए उसे चोट आ गई थी इसलिए फिलहाल इलाज के लिए उसे हॉस्पिटल में ही रखा गया है। उधर, सदाकत को लेकर सियासत गरम रही। उसकी फेसबुक प्रोफाइल से उठाकर फोटोग्राफ तमाम ग्रुप में शेयर की गयीं। कुछ फोटोग्राफ में वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ नजर आया तो कुछ फोटोग्राफ में वह भाजपा नेता उदयभान करवरिया के साथ दिख रहा है। दिन भर इसे लेकर सोशल मीडिया पर कमेंट चलते रहे।

एसटीएफ ने किया था गिरफ्तार
उमेश पाल मर्डर केस की साजिश मुस्लिम हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में रची गई थी। यह रूम गाजीपुर के थाना गहमर स्थित बारा गांव निवासी शमशाद खान के बेटे सदाकत खान ने कब्जा कर रखा था। यह बात एसटीएफ टीम के द्वारा उसे गिरफ्तार करके की गई पूछताछ में सामने आई थी। सोमवार को खुलासा करते हुए पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा था कि गिरफ्तारी करने पहुंची टीम को देखकर वह भाग रहा था। भागते वक्त वह गिरकर डिवाइडर से टकरा गया था। उसे चोटें आई हैं। इलाज एसआरएन हॉस्पिटल में चल रहा है। मंगलवार को धूमनगंज पुलिस द्वारा सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के लिए 13 मार्च की डेट दी है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने कहा कि अब इस डेट पर वह फिर कोर्ट में पुलिस के द्वारा पेश किया गया। हालांकि धूमनगंज पुलिस का कहना है कि उसे अभी चोटें लगी हैं और इलाज चल रहा है। इसलिए उसे ठीक होने तक हॉस्पिटल में रहने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।