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रजिस्ट्रेशन गत वर्ष 12 महीनों में हुए थे

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रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, इस साल सात महीने में ही

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पति व पत्‍‌नी हैं आप कानून की नजर में साबित करेगा मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट

PRAYAGRAJ: सिर्फ शादी कर लेने से आप पति या पत्‍‌नी नहीं हो जाते। इसे साबित करने के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन का होना भी जरूरी है। सरकारी कार्यो में यह रजिस्ट्रेशन ही आप को शादी शुदा पति एवं पत्‍‌नी के रूप में साबित करेगा। मैरिज रजिस्ट्रेशन के न होने पर मृत्यु के बाद कई जगह सरकारी कार्यो में अड़चने आ सकती हैं। बदलते वक्त व नियमों को ध्यान में रखते हुए यह मैरिज रजिस्ट्रेशन उतना ही जरूरी है, जितना कि आधार व पैन एवं वोटर कार्ड। धीरे-धीरे इसकी गंभीरता व जरूरत को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ने लगी है। इधर कुछ महीनों से मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है।

महिला को मिल जाता है कानूनी हक

परंपरागत शादी सामाजिक तौर पर पति व पत्‍‌नी होने का दर्जा देता है। मगर, इस शादी कोकानून पति एवं पत्‍‌नी की मान्यता नहीं देते। शादी के बाद मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना भी बेहद जरूरी है। क्योंकि यही रजिस्ट्रेशन कानूनी तौर पर लोगों को पति व पत्‍‌नी होने का प्रमाण देता है। बगैर मैरिज रजिस्ट्रेशन पति व पत्‍‌नी का रिश्ता एक आपसी सामंजस्य व मान्यता के सिवाय कुछ नहीं है। मैरिज रजिस्ट्रेशन के हो जाने पर पुरुष महिला को व महिला पुरुष को आसानी से नहीं छोड़ सकता। सामाजिक शादी के बाद भी पुरुष द्वारा अक्सर महिला को पत्‍‌नी होने से इंकार की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसी दशा में महिला खुद को इस रजिस्ट्रेशन के जरिए कोर्ट से लेकर थाने तक पत्‍‌नी साबित कर सकती है। यही लाभ पुरुष को भी रजिस्ट्रेशन बाद मिल जाते हैं।

ठोस सबूत के रूप में है दस्तावेज

शादी के बाद भी जब कोई महिला द्वारा पुरुष को पति मानने से इंकार किया जाता है, तो खुद को पति साबित करने के लिए उसके पास कोई ठोस सुबूत नहीं होते। ऐसे में मैरिज रजिस्ट्रेशन के होने पर पुरुष भी यह साबित कर सकता है कि वह ही उस महिला का पति है। यहीं तक नहीं, मैरिज रजिस्ट्रेशन अन्य कई स्थानों पर अमिट साक्ष्य के तौर पर काम आते हैं। जिसको इंकार करना किसी भी अफसर के बूते की बात नहीं है। बावजूद इसके लाखों रुपये खर्च कर शादी करने वाले लोग चंद रुपयों की फीस अदा कर मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना मुनासिब नहीं समझ रहे। हालांकि धीरे-धीरे मैरिज रजिस्ट्रेशन को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ती हुई नजर आ रही है। यह बात खुद विभागीय आंकड़े बता रहे हैं।

रजिस्ट्रेशन रूल्स व जानिए फीस

मैरिज रजिस्ट्रेशन igrs.up.gov.in पर जाकर खुद ऑनलाइन फार्म मोबाइल पर भी भर सकते हैं

साइट को ओपन करते ही मैरिज रजिस्ट्रेशन लिखकर आ जाएगा जिस पर क्लिक करें

क्लिक करते ही उस लिखी हुई स्वेच्छा के अनुसार भाषा चुनें और फार्म फिल कर दें

रजिस्ट्रेशन के वक्त दो गवाह और पति एवं पत्‍‌नी के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र व आधार कार्ड फोटो संग अपलोड करें

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का प्रिंट निकाल कर हलफनामा बनवाएं कि आप दोनों पति पत्‍‌नी हैं जिस पर गवाहों के हस्ताक्षर होंगे

इसके बाद हलफनामा व सभी मूल प्रमाण पत्र हाईस्कूल की मार्कशीट, आधार पैन कार्ड एक-एक फोटो भी रखें

इन प्रमाण पत्रों के साथ एक गैजटेड अफसर या सभासद का प्रमाण पत्र लेकर सदर तहसील रजिस्ट्रार दफ्तर पहुंचें

यहां सारे कागजात व फोटो एवं दोनों गवाहों का वेरीफिकेशन होगा, इसलिए पति व पत्‍‌नी के साथ गवाहों का होना भी जरूरी है।

शादी नई है तो मैरिज रजिस्ट्रेशन मात्र दस रुपये फीस में हो जाएगा, कई वर्ष बीत चुके हैं तो प्रति वर्ष 50 रुपये की दर से फीस देना होगा

इसलिए भी जरूरी है रजिस्ट्रेशन

पति या पत्‍‌नी में किसी एक की मौत हो जाने पर उसके बैंक बैलेंस व प्रॉपर्टी पर क्लेम करने में यह सहायक है। ऐसी स्थिति में यदि कोई फर्जी पत्‍‌नी बनकर या पति बन बैंक बैलेंस व प्रॉपर्टी का मालिक नहीं बन सकता। मैरिज रजिस्ट्रेशन है तो महिला या पुरुष खुद को पति व पत्‍‌नी साबित करके प्रॉपर्टी व बैंक बैलेंस अपने नाम करवा सकती है। यह तो हुआ एक फायदा। दूसरा यह कि मैरिज रजिस्ट्रेशन है तभी पति व पत्‍‌नी साथ विदेश का सफर कर सकते हैं।

मैरिज रजिस्ट्रेशन उतना ही जरूरी है जितना कि आधार व पैन कार्ड। यही वह सर्टिफिकेट है जो हर जगह बताता है कि दोनों पति व पत्‍‌नी हैं। इस वर्ष इसे लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी हुई।

कुलदीप कुमार सिंह, रजिस्ट्रार सदर तहसील