प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नन आफ द एबोव यानी नोटा का आप्शन मतदाताओं को काफी अधिक पसंद आ रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में फूलपुर और इलाहाबाद सीट पर मतदाताओं ने नोटा का आप्शन चौथे नंबर पर यूज किया। बाकी एक दर्जन से अधिक प्रत्याशी नोटा से भी कम वोट पाने वाले रहे। इससे साफ जाहिर होता है कि मतदाताओं का प्रत्याशियों पर से विश्वास धीरे धीरे कम हो रहा है।

कहां पड़े कितने नोटा वोट
बता दें कि फूलपुर में 5467 और इलाहाबाद सीट पर 9952 वोट नोटा पर पड़े। बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में 7882 वोट फूलपुर मे नोटा पर डाले गए थे। वहीं इलाहाबाद सीट पर 2019 में 7610 लोगों ने नोटा का आप्शन चुना था। इसका मतलब फूलपुर में प्रत्याशियों को अधिक तरजीह मिली तो इलाहाबाद सीट पर मतदाताओं की नाराजगी बढ़ गई।

नोटा ने दर्जनों को पटका
फूलपुर सीट से 15 और इलाहाबाद सीट से कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से प्रथम तीन प्रत्याशी यानी भाजपा, इंडी गठबंधन और बसपा को छोड़ दिया जाए तो कोई भी प्रत्याशी नोटा से जीत नही पाया। सभी को नोटा से कम वोट पर संतोष करना पड़ा। फूलपुर में 12 तो इलाहाबाद में 14 प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट मिले हैं।

नही बचा सके अपनी जमानत
इसी तरह से बता दें कि कुल छह प्रत्याशियों को छोड़कर दोनों सीटों पर 23 प्रत्याशी अपनी जमानत तक नही बचा सके। इनको तय मानक से कम वोट मिला है। इलाहाबाद में राजधर सिंह पटेल को सबसे कम 1024 वोट मिले हैं तो फूलपुर सीट पर प्रमोद पटेल को महज 948 वोट पाकर संतुष्ट होना पड़ा। इस बार लोकसभा चुनाव में दोनों सीटों पर मिलाकर कुल 50.35 फीसदी वोटिंग हुई थी। इसके बावजूद नोटा के तेवर कहीं से भी कम नही हुए।