प्रयागराज ब्यूरो । अब फैसला ऑन द स्पॉट होगा। थानेदार अब मनमानी नहीं कर पाएंगे। पीडि़तों को थाने से लेकर अफसरों तक के चक्कर काटने नहीं होंगे। एप्लीकेशन पर क्या कार्रवाई होगी, इसे जानने के लिए जुगत नहीं लगानी होगी। शासन की मंशा खरी उतरी तो पुलिस की सारी मनमानी धरी की धरी रह जाएगी। क्योंकि अब जनसुनवाई में अफसरों के साथ गूगूल मीट पर थानेदार भी जुड़ेंगे। अफसरों के सामने थानेदारों को फरियादियों को बताना होगा कि आखिर कार्रवाई क्यों नहीं की। इस व्यवस्था से थानेदार अपनी जवाबदेही से बच नहीं पाएंगे।

जनसुनवाई में लगती है पीडि़तों की भीड़

पुलिस डिपार्टमेंट के अफसरों की जनसुनवाई में रोजाना पीडि़तों की भीड़ लगती है। पूरे जिले में 42 थाने हैं। लगभग हर थाने से चार, छह पीडि़त रोजाना अफसरों के पास पहुंचते हैं। मामला कोई भी हो, शिकायत यही रहती है कि थाने पर उनकी सुनवाई नहीं हुई। कई बार तो पीडि़त द्वारा यह भी बताया जाता है कि पुलिस ने डाट फटकार कर भगा दिया। ऐसे में शिकायती पत्र पर अफसर जांच कर आख्या देने या फिर कार्रवाई करने का निर्देश जारी कर देते हैं। मगर इसके बाद भी पीडि़तों की सुनवाई नहीं होती है। क्योंकि शिकायती पत्र घूम फिरकर दोबारा फिर से थाने ही पहुंच जाता है।

गूगल मीट पर रहेंगे थानेदार
शासन ने सुबह दस बजे से 12 बजे के बीच जनसुनवाई करने का निर्देश दे रखा है। पुलिस अफसर अपने कार्यालय में बैठते हैं। पीडि़त का शिकायती पत्र कार्रवाई के लिए थानेदार के पास भेज दिया जाता है या फिर मामला गंभीर होने पर अफसर फोन पर थानेदार को मामले के निपटारे का निर्देश जारी कर देते हैं। मगर अब ऐसा नहीं होगा। जल्द ही जन सुनवाई की व्यवस्था बदलने वाली है। जनसुनवाई के दौरान पुलिस अफसरों के साथ उनके एरिया के थानेदार गूगल मीट पर रहेंगे। गूगल मीट पर अफसरों के सामने पीडि़त और थानेदार का आमना सामना होगा। थानेदार को बताना होगा कि आखिर उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की। और ये जवाब थानेदार को अफसर के सामने देना होगा।


इस व्यवस्था के दो फायदे

इस व्यवस्था के दो फायदे होंगे। पहला ये कि पीडि़त की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होगी। थानेदार अपनी जवाबदेही से बच नहीं पाएंगे। वहीं, दूसरी ओर अफसरों के पास तमाम फर्जी शिकायतें भी पहुंचती हैं। जिसमें अफसर का निर्देश मिलने पर थानेदार फर्जी पीडि़त के पक्ष में कार्रवाई कर देते हैं और हवाला अफसर के आदेश का देते हैं। बदली व्यवस्था में फर्जी शिकायतों पर अंकुश लग जाएगा।

42 थाने हैं प्रयागराज कमिश्नरेट में
18 थाने हैं सिटी एरिया में
12 थाने हैं गंगा नगर एरिया में
12 थाने हैं यमुनानगर एरिया में


जनसुनवाई में गूगल मीट से थानेदारों को जोड़ा जाएगा। ताकि जनसुनवाई के दौरान ही पीडि़त के बारे में थानेदार को जानकारी हो सके। इससे त्वरित कार्रवाई में हेल्प होगी। कानूनी कार्रवाई में भी आसानी होगी।
दीपक भूकर, डीसीपी सिटी