प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- मोटापा कई बीमारियों को जन्म देता है। इसकी वजह से बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाना, सांस लेने में दिक्कत व हार्ट संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। अधिकतर गर्भवती महिलाओं में प्रसव के बाद वजन बढ़ जाता है। दो से तीन बच्चे पैदा होने के बाद महिलाओं का मोटापा तेजी से बढऩे लगता है। यह बात एमएलएन मेडिकल कॉलेज की इंडोक्रायनोलाजिस्ट डॉ। सरिता बजाज ने कही। वह रविवार को वूमेनकॉन 2024 सम्मेलन के आखिरी दिन बोल रही थीं। इस दौरान एक्सपट्र्स ने मोटापे से होने वाली समस्याओं पर अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में इन्होंने भी रखी अपनी बात

ओबेसिटी या स्थूल शरीर वर्तमान में एक महामारी का रूप ले चुका है। इसके उपचार के लिए नवीनतम दवाइयों व दूरबीन विधि से पेट की सर्जरी (बैरियाट्ररिक) की जा रही है। जिसमें पेट में बैलून डाल कर खाने की क्षमता को कम किया जाता है। बड़ी संख्या में लोग इस सर्जरी को फालो कर रहे हैं। इससे वह मोटापा से छुटकारा पाना चाहते हैं। हैदराबाद के डॉ। अभिषेक कानित्कर ने इस मामले पर अपने विचार व्यक्त किए। इसी तरह डॉ। स्वाती अग्रवाल ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान दवाओं के गंभीर दुष्प्रभाव से बच्चे में कई प्रकार की समस्याए उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसे में इन दवाओं का सेवन रोकने से ऐसी समस्याओं का निदान हो सकता है।

सात से दस लीटर पानी जरूरी

बॉडी के लिए पानी बेहद जरूरी है और इससे बॉडी को फिट रखा जा सकता है। डॉ। कौशिक रमईया और डॉ। नितिन कपूर ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सात से दस लीटर पानी पीना चाहिए। डॉ। कौशिक ने बताया कि खान-पान में रेशेदार फल व सब्जी की मात्रा अधिक होनी चाहिए। केजीएमसी के डॉ। एसपी जायसवाल ने समय से पहले होने वाली शादी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि ऐसी स्थिति में लोग गर्भ गिराने के लिए गर्भ निरोधक गोलियों का अधिक सेवन करते हैं। इससे महिला की जान को खतरा हो सकता है। भविष्य में ऐसा करने से माता के साथ पैदा होने वाले बच्चे का भी स्वास्थ्य प्रभावित होता है।