कवि गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर की 76वीं पुण्यतिथि पर रंगकर्मियों व साहित्यप्रेमियों ने मूर्ति पर किया माल्र्यापण

ALLAHABAD: बंगाली सोशल एवं कल्चरल एसोसिएशन के पदाधिकारियों, शहर के युवा रंगकर्मियों व साहित्यप्रेमियों ने मंगलवार को कवि गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर को उनकी 76वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धा भाव से याद किया। टैगोर टाउन चौराहे पर स्थित कवि गुरु की मूर्ति पर माल्र्यापण कर वक्ताओं ने उनके प्रयाग से लगाव पर प्रकाश डाला। साथ ही मूर्तिस्थल से शांतावास तक गए और बदहाल पड़े शांतावास को रवीन्द्रनाथ स्मृति स्मारक घोषित करने की मांग की।

पुस्तकों को छपवाने आते थे

बाबुल भट्टाचार्या ने कहा कि रवीन्द्र बाबू बंगाल से चलकर प्रयाग अपनी पुस्तकों को छपवाने इंडियन प्रेस आया करते थे। उनका प्रयाग से गहरा नाता था। यहीं उन्होंने अपनी भतीजी के आवास शांतावास में रहकर कई रचनाएं रचीं और इंडियन प्रेस से प्रकाशित करवाया।

मनमोहक प्रस्तुति दी

समानांतर इंटीमेट थिएटर के सदस्यों ने शैलेन्द्र सागर द्वारा लिखित गीत 'तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पर यकीन कर, अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर' की मनमोहक प्रस्तुति की। वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल रंजन भौमिक, अरुण चटर्जी व अरिंदम घोष ने कवि गुरु के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर धीरज कुमार गुप्ता, भाष्कर चक्रवर्ती, अरुप मित्रा, रीता सम्मदार, भीष्मक श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

सम्मेलनी ग्रुप ने बांधा समां

बंगाली सोशल एवं कल्चरल एसोसिएशन व जगत तारन एजूकेशनल सोसाईटी के संयुक्त तत्वाधान में जगत तारन के सभागार में नृत्य नाटिका रोबीर शुरे शोकुंतला का मंचन किया गया। पूर्णिमा सम्मेलनी ग्रुप की कलाकारों ने आकर्षक भाव भंगिमा के साथ नाटिका की मनमोहक प्रस्तुति से समां बांध दिया। एक-एक भाव भंगिमा पर उपस्थित दर्शकों ने जमकर तालियां बजाई।