- शैक्षिक गतिविधियों पर असर को देखते हुए डीएम ने दिया निर्देश

- शहर के नजदीक के ब्लाकों में मानक के विपरीत तैनाती पर उठाया सवाल, लगाई रोक

ALLAHABAD: शिक्षकों को अनुपस्थिति के आधार निलंबित किया जाना और फिर बिना किसी दंड के उन्हें बहाल किया जाना। अब ऐसा नहीं चलेगा। डीएम भवनाथ सिंह ने साफ लफ्जों में कहा है कि इससे शैक्षिक कार्य प्रभावित होता है। उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि बिना किसी ठोस प्रमाण के शिक्षकों को निलंबित न किया जाए।

बीएसए को पेश करनी होगी सूची

डीएम ने बीएसए से एक जनवरी से तीस नवंबर ख्0क्ब् के बीच बिना किसी ठोस प्रमाण शिक्षकों के निलंबन और बहाली की सूची मांगी है। उन्होंने कहा कि निलंबन उसी दशा में हो सकता है जब किसी राजकीय सेवक को सेवा में बनाए रखने का औचित्य न हो या जन अशांति की संभावना हो। डीएम ने बड़ी संख्या में प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की मानक के विपरीत शहर के नजदीक के विकासखण्डों में तैनाती पर नाराजगी जाहिर की है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने ऐसे शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से अवमुक्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूलों के नाम, इनमें पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या, मानक के अनुसार शिक्षकों की संख्या, तैनात शिक्षकों की संख्या, मिड डे मील आदि की सूचना दो दिसंबर तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

शिक्षकों के खिलाफ होगी जांच

विकास खंड कोरांव के ख्7 शिक्षकों व अन्य क्षेत्रों के कुछ शिक्षकों के स्कूल नहीं जाने और प्रत्येक माह वेतन आहरित करने का मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम ने इसकी जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि बीएसए खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से तत्काल सत्यापन कराकर जांच आख्या दो दिसंबर तक प्रस्तुत करें। साथ ही उन ख्7 शिक्षकों की सूची एक दिसंबर तक प्रस्तुत करने करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा डीएम ने डीआईओएस को राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य के लिए जिला मुख्यालय से संबद्ध किए जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने सभी शिक्षकों को जनहित में तत्काल अवमुक्त करने का निर्देश दिया है। उन्होंने मुख्य कोषाधिकारी व वित्त लेखाधिकारी को निर्देश दिया है कि ऐसे शिक्षकों का विद्यालय से उपस्थिति का सत्यापन प्राप्त होने पर ही वेतन आहरित किया जाना सुनिश्चित किया जाए।