- जल्द ही दौड़ती नजर आएगी कई और वंदे भारत एक्सप्रेस

- 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनों को चलाने के प्लान में दिल्ली-हावड़ा रूट भी है शामिल

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PRAYAGRAJ:

कोरोना महामारी के बीच भारतीय रेलवे ने फ्यूचर प्लानिंग पर वर्किंग शुरू कर दी है। जिसके तहत 109 रूटों पर 151 प्राइवेट ट्रेन चलाने की तैयारी है, जिसमें दिल्ली-हावड़ा रूट भी शामिल है। प्रयागराज के लिए यह गुड न्यूज है। क्योंकि प्राइवेट ट्रेन शुरू होने से दिल्ली और हावड़ा के साथ ही अन्य रूटों के लिए हाईटेक सुविधाओं के साथ ही हाईस्पीड ट्रेने यहां के पैसेंजर्स के लिए अवलेबल होंगी। दरअसल रेलवे ने दिल्ली-हावड़ा के बीच ओवरनाइट ट्रेवलिंग की प्लानिंग की है। यानी रात के ही कुछ घंटों में सवेरा होने से पहले ट्रेन दिल्ली और हावड़ा पहुंच जाए। दिनभर लोग अपना काम करें और फिर रात में ट्रेन पकड़ कर हावड़ा से दिल्ली और दिल्ली से हावड़ा पहुंच जाएं।

प्रयागराज से वंदे भारत एक्सप्रेस का है शिड्यूल

151 प्राइवेट ट्रेनें चलाने की जो प्लानिंग इंडियन रेलवे कर रही है, उसमें 44 वंदे भारत ट्रेनें शामिल हैं। अभी देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस प्रयागराज से दिल्ली के बीच शिड्यूल है, जो कोरोना संकट के कारण इस समय नहीं चल रही है। लेकिन जैसे ही संकट का दौर कम होगा वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ने लगेगी। वहीं कुछ वर्ष बाद दिल्ली-हावड़ा रूट पर कई और वंदे भारत एक्सप्रेस नजर आयेगी।

इन रूट्स पर चलेंगे प्राइवेट ट्रेन

प्राइवेट ट्रेनों के लिए 12 कलस्टर्स का चयन किया गया है। पूरे देश को कवर करने की कोशिश की गई है। पहले क्लस्टर्स में चंडीगढ़, बेंगलुरु, हावड़ा, मुम्बई और दूसरे कलस्टर्स में पटना, प्रयागराज, सिकन्दराबाद शामिल है। प्राइवेट ट्रेन संचालन अप्रैल 2023 तक शुरू होने की संभावना है, सभी कोच मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत खरीदे जाएंगे।

रेलवे वर्तमान के साथ ही भविष्य को देखते हुए वर्क करती है। संकट का दौर जल्द ही खत्म होगा इसलिए रेलवे ने प्राइवेट ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू की है। जिन रूटों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने की तैयारी है उसमें दिल्ली-हावड़ा रूट भी शामिल है।

अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर

प्राइवेट ट्रेन चलाने के निर्णय का होगा विरोध

PRAYAGRAJ:

इण्डियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पाण्डेय एवं महामंत्री सर्वजीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा निजी रेल गाडि़यां चलाने के निर्णय का पूरी ताकत के साथ विरोध किया जाएगा। कोरोना संकट के समय रेल कर्मचारी अपने प्राण की परवाह किए बिना रात दिन रेल यात्रियों को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुचाते रहे हैं, लॉकडाउन के दौर में खाद्यान्न पहुचाते रहे हैं। ऐसे में सरकार को रेल कर्मचारियों को कोरोना वारियर्स घोषित करते हुए प्रोत्साहित करना चाहिए था। लेकिन सरकार पूंजीपतियों से गठजोड़ करके रेल प्राइवेट हाथों में सौंपने जा रही है। जिसका विरोध किया जाएगा।