- खुलेआम नियमों से हो रहा खिलवाड़, सार्वजनिक जगहों पर धुआं उड़ाने से नहीं चूकते लोग

- वर्ष 2008 से देशभर में लागू हो चुके कानून की किसी को नहीं है फिक्र

<- खुलेआम नियमों से हो रहा खिलवाड़, सार्वजनिक जगहों पर धुआं उड़ाने से नहीं चूकते लोग

- वर्ष ख्008 से देशभर में लागू हो चुके कानून की किसी को नहीं है फिक्र

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: गुजरे जमाने का गाना 'मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया' सुनने में तो अच्छा लगता है लेकिन इसे फॉलो करने वाले अपनी फिक्र भुलाने के चक्कर में दूसरे की फिक्र भी नहीं कर रहे हैं। जी हां, सार्वजनिक जगहों पर सिगरेट का धुआं उड़ाने वालों ने नियमों की धज्जियां उड़ा रखी हैं। कागजों पर भले ही पब्लिक प्लेसेज को नो स्मोकिंग जोन घोषित किया जा चुका है लेकिन हकीकत में ऐसा दूर-दूर तक नजर नहीं आता। राह चलते आपको सिगरेट का धुआं उड़ाने वाले आसानी से नजर आ जाएंगे।

हर जगह मिल जाएंगे स्मोकर

दो अक्टूबर ख्008 में देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध संबंधी कानून लागू हुआ। जिसमें नियम तोड़ने वालों को जेल भेजने से लेकर भारी-भरकम जुर्माना लगाए जाने का तक का प्रावधान था, लेकिन इसका पालन फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। शहर में आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो पाया कि सिनेमाहाल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल आदि पब्लिक प्लेसेज पर लोग आसानी से धुआं उड़ा रहे हैं। कई जगहों पर तो 'नो स्मोकिंग जोन' का बोर्ड लगा होने के बावजूद उन्हें कोई रोकने वाला नहीं था।

किसे है देश के भविष्य की फिक्र

कानूनन देखा जाए तो स्कूलों के आसपास के सौ मीटर एरिया में सिगरेट-तंबाकू बेचना अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है लेकिन अभी तक कानून का पालन नहीं हुआ है। पेशे से टीचर अमित श्रीवास्तव कहते हैं कि प्रशासन हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में बच्चों का इस्तेमाल करता है लेकिन उनके भविष्य को लेकर अधिकारियों को कोई चिंता नहीं है। खुलेआम स्कूलों के गेट के आसपास सिगरेट-तंबाकू बेचा जाता है। नियमानुसार स्कूलों के गेट पर 'स्कूल से क्00 मीटर तक सिगरेट-तंबाकू बेचना दंडनीय अपराध है का' बोर्ड भी लगाना जरूरी नहीं समझा जाता।

फैक्ट फाइल

कहां-कहां है धूम्रपान पर प्रतिबंध

सिनेमाहाल, प्रेक्षागृह, हास्पिटल, बस स्टैंड, होटल, बार, रेस्टोरेंट, हवाई अड्डा, सरकारी कार्यालय, गैर सरकारी कार्यालय, लाइब्रेरी, कोर्ट, पोस्ट ऑफिस, मार्केट, मॉल, चाय की दुकान, मैरिज हाल, स्कूल-कॉलेज आदि।

- क्8 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों को तंबाकू बेचना कानूनन अपराध है।

यहां कर सकते हैं धूम्रपान

खुले बाजार में सड़क पर, बंद कमरे में, निजी आवास में, पार्किंग में, गाड़ी के अंदर।

सजा

- नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर ख्00 रुपए जुर्माने का प्रावधान है।

ये होना जरूरी था

जिन स्थानों पर सिगरेट बीड़ी पीने पर प्रतिबंध है, वहां पर म्0 गुणा तीन साइज में नो स्मोकिंग जोन का बोर्ड लगना था, जो कहीं नजर नहीं आता है।

सेल गठित लेकिन कार्रवाई नहीं

तंबाकू नियंत्रण अधिनियम ख्00फ् के तहत जिले में सेल गठन हुआ है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, एसएसपी, चीफ मेडिकल ऑफिसर, डिस्ट्रिक्ट एजूकेशन ऑफिसर, जिला सूचना अधिकारी समेत अन्य आलाधिकारी इसके मेंबर होते हैं लेकिन नियमों का उल्लंघन करने पर अभी तक एक भी कार्रवाई नहीं हुई है। हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर कहते हैं कि हाल ही में केंद्र सरकार ने नेशनल टुबैको कंट्रोल प्रोग्राम लांच किया है। जिसके पालन की रूपरेखा बनाई जा रही है। जिसके तहत सरकारी कार्यालयों से लेकर स्कूल-कॉलेजों में स्टूडेंट्स को सिगरेट-तंबाकू से होने वाले नुकसान से अवेयर किया जाएगा।

सरकारी छोडि़ए, प्राइवेट ऑफिसेज में भी रोक नहीं

शहर के सरकारी तो छोडि़ए, प्राइवेट ऑफिसेज में भी कानून का पालन नहीं हो रहा है। आई नेक्स्ट ने सिविल लाइंस एरिया के एक इंश्योरेंस एजेंसी के ऑफिस की पड़ताल की तो पाया कि यहां पर नो स्मोकिंग करते पाए जाने पर भ्00 रुपए का जुर्माना रखा गया है। बावजूद इसके इम्प्लाइज सिगरेट पीते मिले। जब इस बारे में यहां के इंचार्ज ने बात की तो गई तो उन्होंने बताया कि शुरुआत में कड़ाई की गई लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। लोग नजरें बचाकर, इधर-उधर से अपना नशा पूरा कर लेते हैं। सीसीटीवी कैमरे के जरिए भी लोगों पर नजर रखी जा रही है।

-एंटी टुबैको सेल का गठन हो चुका है। समय-समय पर धूम्रपान पर रोक के लिए निर्देश भी जारी किए जाते हैं। लेकिन पब्लिक जागरुक नहीं है। पुलिस को कार्रवाई करने का राइट है। हाल ही में केंद्र सरकार ने नई गाइड लाइन जारी की है, जिसके इम्प्लीमेंटेशन की तैयारियां जारी हैं।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, इलाहाबाद