अपनी-अपनी पीड़ा लेकर पहुंचे लोग, होमगार्ड के परिवार ने लगाई गुहार, ड्यूटी के दौरान हो गई थी मौत

ALLAHABAD: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी रविवार को हाईकोर्ट के स्थापना दिवस समापन समारोह में शामिल होने पहुंचे तो न्याय की गुहार लेकर लोग मिलने पहुंचे। लेकिन, कार्यक्रम स्थल से काफी पहले ही इन्हें रोक दिया गया। शिकायत लेकर पहुंचे लोग पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। लोग आंखों में आंसू लेकर लौट गये।

वो चले गए, हम सड़क पर आ गए

खुल्दाबाद थाने में तैनाती के दौरान अचानक गिरने से चोट लगने और फिर इलाज के दौरान काल के गाल में समाने वाले राजापुर निवासी होमगार्ड स्व। रामचंद्र शर्मा की पत्नी बिट्टी देवी रविवार सुबह दस बजे के पहले ही बेटे व बेटी के साथ हाईकोर्ट चौराहे पर पहुंची। वह मुख्यमंत्री से मिलने और मदद की गुहार लगाने की मांग करने लगीं। वह बिलख बिलख कर रोती रहीं। लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी।

आठ बेटियां और बेटे को पाल रहीं

बिट्टी देवी ने कहा पति रामचंद्र शर्मा 07 मार्च को ड्यूटी के दौरान खुल्दाबाद थाने में घायल हुए। फिर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पति की मौत के बाद आठ बेटियों व बेटे के सिर से पिता का साया उठ गया है। उनके पास रहने को मकान तक नहीं है। राजापुर में मंदिर के पास टिन शेड लगाकर किसी तरह रह रही हैं। विभाग की ओर से कोई मदद नहीं मिल सकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में सरकारी आवास योजना में आवास आवंटन कराते हुए मदद की मांग की।

दिव्यांगों को कब मिलेगा न्याय

बेरोजगार दिव्यांग नव युवक समिति के सदस्य भी मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने और दिव्यांगों को उनका अधिकार दिलाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे। लेकिन इन्हें भी कार्यक्रम स्थल तक जाने नहीं दिया गया। इससे सीएम से मिलने की मंशा अधूरी ही रह गई। समिति के सदस्यों ने कहा कि दिव्यांगों को उनका अधिकार दिए जाने का आश्वासन तो दिया जाता है, लेकिन उन्हें उनका अधिकार नहीं मिलता। दिव्यांगों ने वृद्धजनों व दिव्यांगों का पेंशन बढ़ाए जाने, सरकारी योजनाओं में सभी दिव्यांगों का बीपीएल कार्ड बनवाए जाने, महानगरीय बसों में नि:शुल्क पास दिए जाने, नगर निगम की दुकानों में 50 प्रतिशत विकलांगजनों का आवंटन किए जाने की मांग की।