-कोरोना योद्धाओं से आगे आने की अपील

-20 सितंबर से शुरू हो सकती है प्लाज्मा थेरेपी

PRAYAGRAJ: प्रदेश सरकार से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद एमएलएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के यूज की तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन इसके लिए उन लोगों के ब्लड की जरूरत होगी जो कोरोना को मात दे चुके हैं। फिलहाल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि ब्लड देने के इच्छुक कोरोना योद्धा एसआरएन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में संपर्क कर सकते हैं।

दो दर्जन ने किया है संपर्क

अभी तक ब्लड बैंक में दो दर्जन कोरोना वॉरियर्स ने संपर्क किया है। इनमें सात का रजिस्ट्रेशन भी हो चुका है। यह लोग जरूरत पड़ने पर प्लाज्मा डोनेट करेंगे। हालांकि अभी लोगों में प्रचार-प्रसार नहीं होने से पूर्व संक्रमित एसआरएन हॉस्पिटल नहीं पहुंच रहे हैं। इस समय जिले में कोरोना से डिस्चार्ज हो चुके पूर्व संक्रमितों की संख्या 11000 से अधिक हो चुकी है। ऐसे में गंभीर कोरोना संक्रमितों के इलाज में पर्याप्त प्लाज्मा उपलब्ध हो सकता है। नियमानुसार जो कोरोना संक्रमित चार सप्ताह पहले ठीक हो चुके हैं वह अपना रजिस्ट्रेशन ब्लड बैंक में करा सकते हैं।

बच सकती है मरीजों की जान

हालांकि डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी पर बहुत अधिक भरोसा नहीं जताया है। लेकिन सरकार इसे प्रयोग के तौर पर आजमाने जा रही है। सरकार के आदेश पर मेडिकल कॉलेज ने पूरी तैयारी कर ली है। उम्मीद है कि 20-21 सितंबर से इस थेरेपी की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद ठीक हो चुके कोरोना संक्रमितों के प्लाज्मा को गंभीर रोगों के शरीर में इंजेक्ट कर उनका इलाज किया जाएगा। प्लाज्मा के जरिए जाने वाली एंटीबॉडी बीमार मरीज की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करेगी। इससे वह कोरोना से ठीक हो सकेगा। गौरतलब है कि 20-21 सितंबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आने का प्रोग्राम बन रहा है। हालांकि वह नहीं आते हैं तब भी इस थेरेपी की शुरुआत कर दी जाएगी।

देख रहे महादानियों की राह

-फिलहाल कॉलेज प्रशासन ब्लड डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले कोरोना वॉरियर्स की राह देख रहा है।

-अधिकारियों का कहना है कि अधिक से अधिक लोगों को रजिस्ट्रेशन कराकर ब्लड डोनेट करना होगा।

-उनका एक कदम किसी मरीज की जान बचा सकता है।

-वजह, प्लाज्मा थेरेपी के बहुत अधिक नुकसान अब तक देखने में नही आए हैं।

-ऐसे में अधिक से अधिक मरीजों पर इस थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है।

अधिक से अधिक संख्या में लोग ब्लड डोनेशन करके मरीजों की जान बचा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। जो लोग कोरोना से मुक्त हो चुके हैं वह दूसरों के लिए रक्तदान कर सकते हैं।

-प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज