प्रयागराज ब्यूरो । अधिवक्ता उमेश पाल मर्ड केस में चल रही जांच को लेकर पब्लिक को कुछ भी बताने से भाग रही पुलिस कोर्ट को भी जानकारी देने से कतरा रही है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम के द्वारा धूमनगंज थाना प्रभारी को अवमानना नोटिस दी गई है। लगातार तीन बार कोर्ट ने पूछा था कि शाइस्ता परवीन के दो अवयस्क बेटे किस बाल संरक्षण गृह में है। लगातार तीन डेट बीत जाने के बावजूद थाना पुलिस कोर्ट में सही जवाब देना उचित नहीं समझी। इससे नाराज कोर्ट ने थाना प्रभारी को 22 मार्च को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। अदालत ने कहा है कि नियत तिथि पर उपस्थित होकर अपना जवाब स्पष्ट करें। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न आप के विरुद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाय।

क्या है अर्जी से जुड़़ा पूरा मामला
धूमनगंज इलाके के सुलेमसराय जयंतीपुर में 24 फरवरी को उमेश पाल ओर उसके दो गनर की हत्या कर दी गई थी। इस घटना में माफिया अतीक अहमद व उसका भाई अशरफ और पत्नी शाइस्ता परवीन एवं गुड्डू मुस्लिम व गुलाम नामजद व अतीक के बेटों व सहयोगियों पर केस दर्ज हुआ था। नामजद होने के बाद सभी भागे-भागे फिर रहे हैं। अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर भी पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। घटना के बाद शाइस्ता परवीन की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में अर्जी दी गई थी। कहा गया था कि पुलिस उसके दो अवयस्क बेटों को हिरासत में ले गई है। मगर, वह कहां हैं इसके बारे में पुलिस कोई जानकारी नहीं दे रही। इस पर कोर्ट के द्वारा धूमनगंज पुलिस से जवाब मांगा गया था। धूमनगंज थाना प्रभारी द्वारा कोर्ट को दिए गए जवाब में कहा गया कि दोनों को बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। कुछ दिन बाद फिर शाइस्ता की ओर से एक अर्जी कोर्ट में दी गई। कहा गया कि उनके बेटे बाल संरक्षण गृह में हैं, वहां के लोग ऐसी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। इसलिए पुलिस से स्पष्ट सूचना मांगी जाय। इस अर्जी पर कोर्ट ने थाना प्रभारी को आदेश दिया था कि दोनों के बाबत स्पष्ट आख्या दें। उमेश पाल मर्डर केस में किसी को कुछ बताने से कतरा रही पुलिस कोर्ट में बंद लिफाफा में जवाब दिया। लिफाफे को वापस करते हुए कोर्ट ने कहा था कि मामले में खुली रिपोर्ट दें। बावजूद इसके सही जानकारी पुलिस कोर्ट को भी अब तक नहीं दी।


भेजी गई नोटिस में कोर्ट ने कहा
थाना प्रभारी धूमनगंज को कोर्ट द्वारा भेजी गई अवमानना नोटिस में नाराजगी जताई गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि 13 मार्च, 15 मार्च व 17 मार्च की डेट बीत गई। फिर भी आप के द्वारा न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया जो कि आपके पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही का परिचायक है। यह स्थिति न्यायालय के आदेश की अवमानना की श्रेणी में आता है। आदेश देते हुए न्यायालय ने कहा कि 22 मार्च को कोर्ट में 12.30 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करें। यह बताएं कि किन परिस्थितियों में आप के द्वारा न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। क्यों न आप के खिलाफ विधिक कार्यवाही अमल में लायी जाय।

शाइस्ता परवीन की अर्जी पर कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का अनुपालन नहीं करने पर धूमनगंज थाना प्रभारी को अदालत के जरिए अवमानना नोटिस दी गई है। नियत तिथि पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करने का आदेश कोर्ट ने दिया है।
गुलाब चंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी