फाफामऊ बाईपास पर स्थित एक फेरी वाले के घर में चलता था सट्टा

ट्रक मालिक से लेकर फेरी लगाने वाले तक लगा रहे दांव

PRAYAGRAJ:

पुलिस: मुझे भी दांव लगाकर अमीर बनना है। कैसे होगा?

सामने से : आप बोल कौन रहे हो?

मुझे कॉल क्यों किया है?

जवाब: मैच पर सट्टा लगाना है?

सामने से : कितना लगा सकते हो। मेरा नंबर कैसे मिला।

जवाब: नंबर भाई आपकी सर्किल से ही मिला है। पैसा तो वक्त की नजाकत के हिसाब से लगेगा।

सामने से: देखो भाई मेरा सट्टे से कोई लेना देना नहीं है। आपको किसी ने गलत नंबर दे दिया है।

जवाब: नहीं भाई नंबर तो सही है।

सामने से: ओके, मिलकर बात करते हैं।

बस यहीं गच्चा खा गया आईपीएल पर सट्टा खेलवानेवाला शातिर। काल करने वाला शख्स पुलिसवाला था और सामनेवाला शख्स वही था तो एप के जरिए हर गेंद की डील का पैसा जमा करवा रहा था। डील दिल्ली से ओपन हो रही थी और स्क्रीन पर चल रहा गेम तय करता था कि किसकी किस्मत चमक उठेगी और कौन अपनी जमा पूंजी भी गंवा बैठेगा। पुलिसवाला सट्टेबाज से मिलने पहुंचा और अपनी बातों से उसे इतना प्रभावित कर लिया कि मानो वह पैसा लगाने के लिए बेताब हो। उसे मैच शुरू होने से पहले अड्डे पर बुला लिया गया। इस पर पुलिसवाला अकेले नहीं पहुंचा था। उसके साथ उसके बॉस भी थे। बस यहीं से हो गया सट्टेबाजी का खुलासा और पकड़ लिए गए हर गेंद पर पैसा लगाने वाले।

दिल्ली से चल रहा था नेटवर्क

आईपीएल मैच की हर बॉल पर सट्टे की पूरी सेटिंग दिल्ली से थी। फाफामऊ बाईपास स्थित एक घर में कैसिनो मॉडल पूरा सिस्टम डेवलप था। यहां एक-एक बॉल का रेट फिक्स किया जा रहा था। उड़ती हुई बात सोरांव सीओ अशोक बेंकटके तक जा पहुंची तो उन्होंने पूरी गैंग को बेनकाब करने का फुलप्रूफ प्लान तैयार कर लिया। फिल्मी स्टाइल में एक जवान को सट्टेबाज के रूप में तैयार किए। जवान ने सरगना को कॉल किया। सरगना कस्टमर समझ उसे फाफामऊ बाईपास अड्डे पर बुला लिया। उसके पीछे-पीछे फोर्स के साथ स्वयं सीओ लगे हुए थे। जैसे ही सरगना पुलिस के जवान से मिला, पकड़ लिया गया।

दिल्ली से प्रयाग तक फैला नेटवर्क

पूछताछ में उसने अपना नाम विपिन चौरसिया पुत्र नन्द लाल चौरसिया बताया। वह गद्दोपुर फाफामऊ का रहने वाला है। सूचना पक्की थी, लिहाजा पुलिस कड़ाई से पूछताछ की। पुलिस अफसरों के रुख को देख उसने सब कुछ बयां कर दिया। एसपी गंगापार धवल जायसवाल ने गिरफ्तारी का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरगना विपिन शातिर किस्म का है। उसने दिल्ली में ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले को दो लाख रुपये में सेट कर रखा था। दिल्ली में बैठा व्यक्ति 'क्रिकेट मजा' नाम के एप पर सट्टा खेलवाता था। वह आईपीएल की हर गेंद का रेट इसी एप पर डाल देता था। एप पर डाले गए रेट को बाईपास स्थित अड्डे पर बैठकर विपिन खोलता था। यहां सट्टेबाजों से रुपयों की वसूली का काम विपिन ही किया करता था। रुपयों का लेनदेन पे-टीएम के जरिए करते थे।

पकड़े गए खिलाड़ी व बरामदगी

सरगना विपिन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस सट्टेबाजों तक पहुंचने की कोशिशों में लग गयी

पुलिस के कहने पर खिलाडि़यों को फोन कर विपिन सट्टा शुरू होने की बात कहकर अड्डे पर बुलाया।

उसकी कॉल पर चार सट्टेबाज बाईपास अड्डे पर पहुंच गए। आईपीएल सट्टा खेलने पहुंचे चारों को भी पुलिस ने दबोच लिया।

इनमें एक का नाम शाकिब पुत्र मो। मुश्तफा अहमद निवासी रूदापुर थाना सोरांव है। वह ट्रक चलवाता है

फेरी लगाने वाला अभिषेक जायसवाल उर्फ कोहली पुत्र राजेश जायसवाल निवासी फाफामऊ बाईपास व मो। फैज पुत्र मुश्ताक अहमद निवासी रूदापुर फाफामऊ सोरांव शामिल है।

एसपी ने कहा कि बाईपास पर जिस घर में सट्टे का अड्डा चलता था, वह घर अभिषेक जायसवाल का था।

पुलिस कार्रवाई कर ही रही थी कि सट्टे पर दांव लगाने के लिए मनीष कुमार नामक शख्स भी पहुंचा।

मगर, दूर से अड्डे पर फोर्स देखकर वह भाग निकला। मौके से पुलिस ने कुल एक लाख रुपये नकद, आई-20 कार कई मोबाइल फोन आदि चीजें बरामद की है।

कमीशन का है पूरा फंडा

100 रुपये हारने पर बुकी को एक रुपये कमीशन मिलता है

बेट लगाने वाले के विजयी होने पर बुकी को कुछ नहीं मिलता

टीम विजेता होने पर पैसा लगाने वाले का पैसा हो जाता था डेढ़ गुना

हर बाल पर आउट, रन, बड़ा स्ट्रोक, रन आउट, डॉट बाल, कैच आदि को बेस बनाकर पैसा लगवाया जाता है

सबका बेटिंग का रेट अलग-अलग होता है।

पुलिस टीम ने अच्छा काम किया है। सट्टेबाजों ने सट्टा खेलने का तरीका तक बताया है। सभी को चालान करके जेल भेजा जा रहा है।

धवल जायसवाल

एसपी गंगापार

एसटीएफ ने नैनी एरिया में पकड़ी थी सट्टेबाजी

बता दें कि एसटीएफ की टीम ने मंगलवार को नैनी एरिया में सट्टेबाजी का खुलासा किया था। एसटीएफ की टीम ने कुल पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 13 मोबाइल, पांच रजिस्टर, एक टेलीविजन, एक सेट टॉप बाक्स आदि बरामद किया था। यहां भी फोन करके बोली लगायी जाती थी। इसका पूरा विवरण रजिस्टर पर दर्ज किया जाता था। बुधवार को इन सभी को चालान करके जेल भेजा गया था।