4226 लोगों को किया जा चुका पाबंद, 3306 के खिलाफ वाद दायर

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने पाबंदी की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत जिले भर में बवालियों को चिंहित किया जा रहा है। अब तक 4226 लोगों को पाबंद किया जा चुका है। इसके अलावा 3306 के खिलाफ वाद दायर किए गए हैं। अधिकारियों का कहना हे कि सभी तहसीलों में ऐसे लोगों को चिंहित कर पाबंद किया जा रहा है जिन पर चुनाव में शांति भंग करन की आशंका है। अगर यह किसी प्रकार की खुराफात में शामिल नजर आए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही प्रशासन ने संवेदनशील बूथों को चिंहित करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है जिसकी सूची दो से तीन दिन में जारी कर दी जाएगी.,

तलब की गई रिपोर्ट

एडीएम वित्त एवं राजस्व एमपी सिंह ने बताया कि सभी जगह एसडीएम व लेखपालों से रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट के आधार पर इसकी जानकारी जिलाधिकारी के माध्यम से निर्वाचन आयोग को भी दी जाएगी। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार इस बार तीन नए ब्लॉकों में भी चुनाव कराया जाना है। इसमें श्रृंग्वेरपुर, भगवतपुर और सहसों ब्लॉक शामिल हैं। इन तीनों ब्लॉकों में ब्लॉक कार्यालय जहां पर संचालित होंगे वहां पर स्ट्रांग रूम बनाने की तैयारी है। साथ ही मतगणना स्थल भी एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर तैयार कर दिए गए हैं।

विधायक ने दर्ज कराई आपत्ति

पंचायत चुनाव में आपत्तियों के दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है। इसी क्रम में मेजा विधायक नीलम करवरिया ने शुक्रवार को डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव के पास पहुंचकर तमाम आपत्तियां दर्ज कराई। उनका कहना था कि उनमें पौसियर दुबे, बिगहौना, चौखटा, कोसरा कला, मदरा आदि क्षेत्र शामिल है। इसमें ज्यादातर लोगों का कहना था कि जनसंख्या की स्थिति के अनुसार आरक्षण जारी करना चाहिए था। इस प्रशासन ने जांच कर सुधार किए जाने का आश्वासन दिया। शुक्रवार को शुक्रवार को पंचायती राज विभाग में कुल 159 आपत्तियां दर्ज हुईं। इसमें सर्वाधिक 129 आपत्तियां ग्राम प्रधान की रहीं और 19 आपत्तियां जिला पंचायत सदस्य की व 14 क्षेत्र पंचायत सदस्य की रहीं। डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि आठ मार्च तक सभी आपत्तियों को एकत्र किया जा रहा है। इसके बाद इसकी स्क्रीनिंग कराई जाएगी।

पाबंद की कार्रवाई की रिपोर्ट सभी तहसीलों से प्राप्त की जा रही है। चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की कवायद जारी है।

विजय शंकर दुबे, एडीएम प्रशासन प्रयागराज