901

चाइल्ड सेक्स रेशियो है प्रयागराज का

2015-16

में एनएफएचएस की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा

2011

में जिले का चाइल्ड सेक्स रेशियो था 893

1000

लड़कों के मुकाबले जिले में हैं 901 लड़कियां

नेशनल ग‌र्ल्स चाइल्ड डे स्पेशल

- जिले का चाइल्ड सेक्स रेशियो सुधरा, लेकिन स्थिति नहीं बदली

- बेटियों को लेकर जागरूक नहीं हैं लोग, पीसीपीएनडीटी एक्ट के पालन में ढिलाई

प्रयागराज- सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद जिले में चाइल्ड सेक्स रेशियो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। हर साल करोड़ों रुपए का बजट महिला सशक्तिकरण के नाम पर खर्च करती है। अकेले स्वास्थ्य विभाग में गर्ल चाइल्ड को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सेमिनार भी होती हैं और स्कूलों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेकिन नतीजा सिफर रहता है। यही हालात बने रहे तो आने वाले दिनों में लड़कों की शादी के लिए लड़कियों को ढूंढना किसी चैलेंज से कम नहीं होगा।

चिंताजनक है स्थिति

जिले में चाइल्ड सेक्स रेशियो की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। अभी भी यह रेशियो 901 है, जो काफी कम है। यानी एक हजार बच्चों में लड़कों के मुकाबले 99 लड़कियां कम हैं। बड़े होने के बाद इन लड़कों को शादी के लिए प्रयागराज में तो लड़कियां नही मिलेंगी, हो सकता है इनको दूसरे प्रदेश या देश में जाकर शादी करनी पड़ी। और यह स्थिति पीसीपीएनडीटी एक्ट के ठीक प्रकार से पालन नहीं हो पाने से बनी हुई है।

एनएफएचएस की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

वर्ष 2015-16 में एनएफएचएस यानी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे हुआ था .जिसमें प्रयागराज की चाइल्ड सेक्स रेशियो 901 मिला है। बता दें प्रयागराज से बेहतर सेक्स रेशियो यूपी का है। इस रिपोर्ट में यूपी का चाइल्ड सेक्स रेशियो 903 सामने आया था। यानी एक हजार लड़कों में 903 लड़कियां हैं। इसके पहले 2011 की जनगणना में प्रयागराज का चाइल्ड सेक्स रेशियो 893 था और आंशिक सुधार होने के बाद यह 901 पर पहुंचा है। हालांकि अधिकारी इस आंकड़े को लेकर भी संतुष्टि जाहिर कर रहे हैं।

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एक साल से नहीं हुई कार्रवाई

बेटियों को बचाने के लिए सरकार ने पीसीपीएनडीटी एक्ट बनाया है। जिसके तहत भ्रूण लिंग की जांच कराने और करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। लेकिन पिछले एक साल में जिले में इस कानून के तहत एक भी डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच नहीं की गई। जिले में 250 अल्ट्रासाउंड सेंटर मौजूद हैं। अधिकारियों का कहना है कि जब तक शिकायत नहीं आएगी, हम कैसे जांच कर सकते हैं। उनकी इस हीलाहवाली के चलते ही चाइल्ड सेक्स रेशियो में सुधार नहीं हो पा रहा है। अगर नियमत: कार्रवाई की जाए तो कई डायग्नोस्टिक सेंटर्स के बंद होने की नौबत आ जाएगी।

अगर कोई शिकायत आएगी तो डायग्नोस्टिक सेंटर्स की जांच की जाएगी। 2020 में एक भी सेंटर के खिलाफ अभियान नहीं चलाया गया है।

डॉ। एके तिवारी, नोडल पीसीपीएनडीटी एक्ट प्रयागराज