कोरोना के कारण परीक्षा नहीं होने पर रिजल्ट बनाने में काम आए इसके अंक

कोराना महामारी ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) को छात्र-छात्राओं के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए नई राह पर चलने को विवश कर दिया। महामारी के कारण लगातार भौतिक कक्षाएं नहीं चलने, उसके बाद परीक्षा कराने पर आए संकट के बीच यह तय करना जरूरी था कि आखिर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के भविष्य का निर्धारण कैसे होगा। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षार्थियों के पठन-पाठन की तैयारियों का आंकलन करने के लिए अपने शैक्षिक पंचांग में नई व्यवस्था जोड़ी।

रिजल्ट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका

इस नई व्यवस्था में विद्यालय स्तर पर प्री-बोर्ड परीक्षा का प्रबंध किया गया। इस परीक्षा में मिले अंक भी परीक्षार्थियों की सफलता के मूल्यांकन का प्रमुख आधार तो बने ही, साथ ही यूपी बोर्ड के लिए 2021 का रिजल्ट तैयार करने में महती भूमिका भी निभाई। इसके चलते शनिवार को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परिणाम जारी किया जा सका।

अब तक परीक्षा से तय होते रहे अंक

यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं का वार्षिक परिणाम अब तक बोर्ड परीक्षा में मिले अंक के आधार पर जारी होता रहा है। इस बार कोरोना महामारी के चलते बोर्ड परीक्षा नहीं होने पर उनके शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन कर परिणाम को जारी करना किसी चुनौती से कम नहीं था। शनिवार को जारी किए गए परीक्षा परिणाम के दौरान माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी बयान में इन चुनौतियों का जिक्र भी किया गया है। आनलाइन पढ़ाई, पाठ्यक्रम में कटौती कर चुनौतियों से जूझते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षा कराए जाने की तैयारी भी की थी। इसी कड़ी में फरवरी 2021 में इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी करा ली गई थीं। साथ में पहली बार छात्र-छात्राओं के पढ़ाई-लिखाई की तैयारियों का आंकलन करने के लिए परिषद के शैक्षिक पंचांग में पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षा कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। विद्यालयों ने प्री-बोर्ड परीक्षा कराकर अंक तैयार किए।