प्रयागराज (ब्‍यूरो)। वोटिंग के दौरान मतदान कर्मियों को काफी सावधानी बरतनी होगी। हर कदम सोच समझकर उठाना होगा। अगर वोटिंग के दौरान ईवीएम में कोई प्राब्लम है तो पीठासीन अधिकारी अकेले नहीं जाएंगे। पोंिलंग एजेंट को साथ लेकर जाएंगे। इसके बाद सेक्टर मजिस्ट्रेट या अन्य अधिकारियों को इसकी सूचना दी जाएगी। मंगलवार को मेरी लूकस और बिशप जानसन कॉलेज में आयोजित इलेक्शन ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनर्स ने यह जानकारी मतदान कर्मियों को दी। उन्होंने कहा कि इस बार पहली बार चुनाव आयोग ने एमपीएस ऐप लांच की है, जिसमें हर दो घंटे में मतदान प्रतिशत अपडेट करना होगा।

हर दो घंटे में करना होगा अपडेट
ट्रेनिंग के दौरान बताया गया कि हर बार चुनाव में हर दो घंटे में वोटिंग प्रतिशत की जानकारी पीठासीन अधिकारी मैसेज के जरिए सेक्टर मजिस्ट्रेट को उपलब्ध कराते थे। लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने एमपीएस ऐप लांच कर दिया है। जिसमें पीठासीन अधिकारी सीधे वोटिंग प्रतिशत अपडेट करेंगे। अगर कहीं नेटवर्क क प्राब्लम है तो वह इसकी सूचना सीधे सेक्टर मजिस्ट्रेट को उपलब्ध कराएंगे।

तो बदला जाएगा पूरा सेट
ट्रेनर्स ने यह भी बताया गया कि एक बूथ में तीन मशीनों का एक सेट होगा। इसमें बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट मशीन शामिल है। अगर बैलेट और कंट्रोल यूनिट में से कोई एक भी खराब हुई तो तीनों मशीनों का पूरा सेट बदल दिया जाएगा। अगर केवल वीवीपैट खराब होगा तो केवल इसे ही बदला जाएगा। बताया गया कि मार्निंग में वोटिंग से पहले मॉक पोल किया जाएगा। जिसमें पोलिंग एजेंट की मौजूदगी में वोटिंग कराई जाएगी। इसके बाद सीआरसी यानी क्लोज, रिजल्ट और क्लीयर कर मशीन से पुन: वोटिंग कराई जाएगी। इस प्रक्रिया को काफी गंभीरता के साथ पूरा करना है। वोट डालने के बाद वोटर को वीवीपैट में स्लिप सात सेकंड के लिए नजर आएगी। जिसमें वह देख सकेगा कि उसने जो बटन दबाया है वोट उसी को मिला है कि नहीं।

निश्चित समय के भीतर ही मिलेगा चांस
यह भी बताया गया कि अगर वोटिंग की शाम छह बजे समाप्त होनी है तो इस समय के भीतर पोलिंग बूथ पर पहुंचे सभी वोटर्स को वोट देने का मौका दिया जाएगा। इनकी लाइन लगवाकर बूथ को बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद पीछे से लाइन में शामिल वोटर्स की गिनती की जाएगी। इन लोगों को ही वोटिंग का मौका दिया जाएगा।

गूगल शीट पर लिया गया एग्जाम
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सभी मतदान कर्मियों को लिंक भेजकर गूगल शीट पर क्वेश्न पेपर भेजा गया। इसमें तीस सवाल शामिल थे। इन सवालों का जवाब मतदान कर्मियों ने ऑनलाइन दिया। बताया गया कि इस गूगल शीट को जांचा जाएगा। इसमें फेल होने वालों को प्रशासन पुन: मतदान ट्रेनिंग करने के आदेश दे सकता है।

मतदान कर्मियों को प्वाइंट टू प्वाइंट हर चीज के बारे में बताया गया है। उन्हें तीनों मशीनों का कनेक्शन बेहतर तरीके से जोडऩा होगा। हर दो घंटे में एमपीएस ऐप पर जानकारी भी लोड कराना होगा।
मो। मुस्तफीक सिददीकी
मास्टर टे्रनर