एमएचआरडी की जांच कमेटी को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से भेजी गई रिपोर्ट

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो। रतन लाल हांगलू की मुश्किलें तेजी से बढ़ने वाली है। प्रो। हांगलू पर लगे वित्तीय, प्रशासनिक और शैक्षणिक अनियमितता के आरोपों की रिपोर्ट जल्द ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक पहुंच जायेगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एमएचआरडी की ओर से गठित जांच कमेटी की ओर से मांगे गए सवालों का जवाब तैयार कर इविवि प्रशासन ने भेज दिया है। कमेटी अब यूनिवर्सिटी की ओर से मिले जवाबों की जांच करके आगे की कार्रवाई करेगी।

आरोपों से घिरने के बाद पूर्व कुलपति ने दिया था इस्तीफा

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आरएल हांगलू पर वित्तीय अनियमितताओं के साथ ही कई अन्य आरोप भी लगे। जिसके बाद उन्होंने बीते साल 31 दिसंबर 2019 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा के बाद आरोपों की जांच के लिए इविवि के विजिटर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के निर्देश पर तीन जनवरी 2020 को जांच कमेटी गठित हुई थी। कमेटी में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के कुलपति प्रो। नागेश्वर राव के अलावा गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। रमाशंकर दुबे और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक (मध्य प्रदेश) के कुलपति प्रो। श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी को शामिल किया गया।

इविवि पहुंची जांच कमेटी को मिली थी कई शिकायतें

तीन बार इविवि पहुंची कमेटी को प्रो। हांगलू के खिलाफ तमाम शिकायतें मिली थी।

पूर्व शिक्षकों के एक समूह ने 700 पेज की 40 फाइलें कमेटी के सामने रखी तो एक बार कमेटी भी हैरान हो गई।

इसके अलावा तमाम छात्रों ने भी शिकायतें दर्ज कराई।

कमेटी ने 40 बिंदुओं पर मांगा जवाब

तीन सदस्यीय कमेटी ने एयू एडमिनिस्ट्रेशन से 40 बिंदुओं पर जवाब मांगा था।

इविवि प्रशासन ने 17 पेज का जवाब तैयार कर कमेटी को भेज दिया है।

3000 पन्नों में यूनिवर्सिटी की ओर से जांच टीम को साक्ष्य भी भेजा गया है। जिस पर यूनिवर्सिटी से 1700 रुपए खर्च किए है

- रिपोर्ट एमएचआरडी जांच कमेटी को भेजी गई है। कमेटी इनका अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजेगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला होगा।

डॉ। शैलेन्द्र कुमार मिश्र

पीआरओ, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी