प्रयागराज में सब कुछ सामान्य दिनों जैसा ही दिखा, अफसर खुद मौजूद रहे फील्ड में

हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ वरिष्ठ नागरिकों ने किया फैसले का स्वागत

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राम जन्म भूमि प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ के फैसले के बाद प्रयागराज की पब्लिक की तरफ से ऐसा कोई रिएक्शन नहीं आया जो साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए चुनौती खड़ी करे। खुद फील्ड में मौजूद रह कर हर मोमेंट को वॉच कर रहे अफसरों के लिए भी पब्लिक की तरफ से आया रिएक्शन सरप्राइजिंग था।

रामलला विराजमान को लेकर आया फैसला स्वागत योग्य है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दो सम्प्रदाय के बीच जो फासले थे, वो दूर होंगे। सरकार को विश्व ¨हदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को शामिल करके ट्रस्ट का गठन करना चाहिए।

महंत नरेंद्र गिरि

अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हर धर्म और सम्प्रदाय के लोगों ने यह साबित किया है कि राष्ट्र ही सर्वोच्च है। यह किसी की हार या जीत का प्रश्न नहीं है। दोनों धर्म और सम्प्रदाय को बराबर का स्थान मिला है। लोगों ने दिल खोलकर फैसले का स्वागत किया है। यह एक ऐतिहासिक निर्णय है।

महंत हरि गिरि

महामंत्री, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

जन जन की आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम के जन्म स्थल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। सर्वोच्च न्यायालय ने विविधता में एकता का संदेश दिया है। देश के सभी समुदाय के लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, जो लोगों के वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को बताता है।

महंत आनंद गिरि

हनुमान मंदिर, बंधवा

प्रयागराज तीर्थ नगरी के साथ ही गंगा-जमुनी तहजीब के लिए भी जाना जाता है। जिसने आज ये साबित किया है कि लोग चाहे जितनी सियासत करें, विश्वास और प्रेम की डोर ही मजबूत होती है। कुछ लोग अफवाह फैलाते थे कि फैसले से कुछ भी हो सकता है। आज फैसले पर जनता के रिएक्शन से साबित है कि इससे कोई फासला नहीं आने वाला है।

सुभाष चंद्र पांडेय

अध्यक्ष, प्रयागवाल महासभा

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने साबित किया है कि भारत को यूं ही अनेकता में एकता का देश नहीं कहा जाता है। आज पूरा देश सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के साथ है। यह किसी धर्म-सम्प्रदाय की नहीं, बल्कि मानवता की जीत है।

अभिलाषा गुप्ता नंदी

मेयर, नगर निगम प्रयागराज

राम मंदिर का फैसला नए भारत का निर्माण करेगा। आज दशकों पुराना विवाद खत्म हो गया। यह फैसला निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगा।

रजनीकांत श्रीवास्तव

हर मजहब के लोगों से यही गुजारिश है कि हर हाल में अमन-चैन, सुकून बरकरार रखना है। किसी किस्म की अफवाह में न आना है और न ही अफवाह फैलाना है। इत्मिनान और सुकून के साथ जैसे रहते रहे, वैसे रहें। हर हाल में मिल्लतदारी, भाईचारा, प्यार मोहब्बत का ये माहौल बरकरार रहे।

सैय्यद कारी मकबूल हुसैन

इमाम जामा मस्जिद, काजिए-शहर इलाहाबाद

सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मान्य है। ये सियासतबाजों के जुमले हैं कि ये हिंदू का है, ये मुसलमान का है। सर्वोच्च अदालत ने जो इंसाफ किया है, वह उचित है। जो मेल और मोहब्बत कदीम है, वह बरकरार रहेगी। सियासतदानों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।

सैय्यद हसन रजा जैदी

इमाम-ए-जुमा, शिया जामा मस्जिद

प्रयागराज ही नहीं बल्कि पूरे देश में अमन-चैन बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सब की है। फैसले पर खुश हैं क्योंकि वर्षो पुराना विवाद समाप्त हो गया। हिंदुस्तान के लोग सियासत से दूर हैं। पब्लिक से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।

मौलाना नादिर हुसैन

मुकरीर खतीब, हटिया शीशे वाली मस्जिद

मुल्क हम सब का है। राम भी हमारे हैं, रहीम भी हमारे हैं। विवाद का कोई सवाल ही नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हम सब को स्वीकार है। जो भी व्यक्ति अमन चैन बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उससे निबटा जाएगा।

शाहिद जमाल

अकबरपुर

सर्वसम्मति से आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हम सभी स्वागत करते हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहना होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।

डॉ। अशफाक अहमद

शिक्षाविद, प्रयागराज