प्रयागराज (ब्‍यूरो)। चालीस फीसदी हैं बुखार के मामले एसआरएन अस्पताल में रोजाना 50 से 60 मरीजों को मेडिसिन विभाग में भर्ती किया जा रहा है। इनमें से चालीस फीसदी मामले बुखार के बताए जा रहे हैं। इसी तरह बेली और काल्विन अस्पताल में भी रोजाना तीस से चालीस फीसदी मामले बुखार के संबंधित ओपीडी में पहुंच रहे हैं।

कम आ रहा है प्लेटलेट्स काउंट
ऐसा नही है कि बुखार केवल नार्मल प्रभाव दे रहा है। मरीजों का प्लेटलेट्स काउंट भी कम आ रहा है। इनमें से कुछ मरीजों में डेंगू और मलेरिया की पुष्टि हो रही है लेकिन कई मरीज ऐसे हैं जिन्हे केवल बुखार की शिकायत है। इनका प्लेटलेट्स काउंट एक लाख के नीचे बता रहा है। जिसे लेकर मरीज और उनके परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है।

बच्चों में भी बढ़ रही समस्या
चिल्ड्रेन अस्पताल के हालात अभी भी पूरी तरह नही सुधरे हैं। यहां पर एक बेड पर दो मरीजों को भर्ती किया जाना मजबूरी बन गया है। कभी कभी यह संख्या दो से तीन भी हो जाती है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस सीजन में बच्चों को बुखार आना आम बात है लेकिन इस बार बुखार का सीजन अधिक लंबा हो गया है।
बुखार के साथ जुकाम का गठजोड़
सीजन में बुखार के साथ जुकाम भी लोगों की परेशानी का कारण बना हुआ है। ऐसे में लोगों को एंटी बायोटिक का सहारा लेना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि बिना एंटी बायटिक का सहारा लिए संक्रमण को दूर करना मुश्किल है। क्योंकि फिर बुखार और जुकाम की मियाद बढ़ जाती है। लोग बीमारी में एलोपैथी के साथ होमियोपैथी और आयुर्वेद पद्धति का भी सहारा ले रहे हैं।

इन कारणों से फैल रहा संक्रमण
कम हो रहा है सोशल डिसटेंसिंग और मास्क का यूज
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में बने हैं लोग
दवाओं की पूरी डोज नही लेने से बार बार हो रहा संक्रमण
बाजार की खानपान की चीजों का बढ़ रहा आकर्षण
मौसम के बदलाव के बावजूद बढ़ रहा ठंडे पानी और आइसक्रीम का चलन

गांव से अधिक शहर में संक्रमण
उधर डेंगू के नए मामलों का आना जारी है। बुधवार को 11 नए मरीज सामने आए। ये मरीज सलोरी, स्वराज नगर, मुट्ठीगंज, चर्चलेन, भुलई का पुरा, कीडगंज, कोटवा एट बनी, कोरांव और करछना में मिले हैं। शहर में कुल 326 और ग्रामीण एरिया में 137 मरीज सामने आ चुके हैं। अब तक जिले में 463 मरीज चिंहित किए गए हैं।

इस बार बुखार के मरीजों का आना लगातार बना हुआ है। हमारे यहां भर्ती होने वाले मरीजों में बुखार के मामले भी अधिक है। डेंगू का ग्राफ भी बढ़ रहा है। लेकिन सीजनल संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
डॉ। कमलेश सोनकर फिजीशियन, एसआरएन अस्पताल