-रेल मदद एप पर दर्ज होंगे पैसेंजर्स के ट्वीट, 30 मिनट में होगा समस्याओं का समाधान

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PRAYAGRAJ: ट्रेन घंटों लेट होती है तो पैसेंजर रेल मंत्री व रेल ऑफिसर्स को ट्वीट करते हैं। ट्रेन में सफाई और पानी की व्यवस्था नहीं होती है तो पैसेंजर्स ट्वीट करते हैं। रेलवे से जुड़ी कंप्लेंट के लिए ट्विटर बड़ा प्लेटफॉर्म साबित हुआ है। लेकिन हर ट्वीट पर तत्काल एक्शन नहीं होता है। कई ट्वीट को रेल ऑफिसर्स द्वारा इग्नोर कर दिया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जिम्मेदार रेल अधिकारी अब पैसेंजर्स के ट्वीट को इग्नोर नहीं कर सकेंगे।

कंप्लेंट के साथ देना होगा मोबाइल नंबर

ट्विटर पर आ रही कम्प्लेंट को रेल मदद एप पर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। बदलाव के तहत रेलमंत्री, डीआरएम या फिर अन्य रेल ऑफिसर के ट्विटर हैंडल पर पैसेंजर्स की ट्वीट आते ही कंप्लेंट करने वाले का मोबाइल नंबर मांगा जाएगा। मोबाइल नंबर रेल मदद एप पर रजिस्टर्ड किया जाएगा। पैसेंजर्स अपनी कंप्लेंट का रिस्पांस रेल मदद एप पर देख भी सकेंगे।

संबंधित विभाग को नहीं करना होगा रीट्वीट

अभी तक पैसेंजर्स रेल मंत्री, डीआरएम व अन्य ऑफिसर्स को ट्वीट करते थे। इसके बाद संबंधित विभाग व अधिकारी को रीट्वीट कर जानकारी दी जाती थी। अब ऐसा नहीं होगा। यदि किसी पैसेंजर ने कोच में पानी नहीं होने की कम्प्लेंट ट्वीट के जरिए की तो रेल मदद पर रजिस्टर होने के बाद यह शिकायत मैकेनिकल विभाग को फॉरवर्ड हो जाएगी। नई व्यवस्था में अलग-अलग शिकायतों के निस्तारण के लिए अलग-अलग समय तय किया गया है। अधिकतम समय 30 मिनट निर्धारित किया गया है। इस अवधि में भी यात्री की समस्या दूर नहीं हुई तो संबंधित विभाग के अधिकारी या कर्मचारी से पूछताछ या फिर कार्रवाई के नियम बनाए गए हैं।

ट्विटर पर कम्प्लेंट की व्यवस्था तो काफी दिनों से है। इलाहाबाद मंडल ने ट्विटर पर आए सैकड़ों कम्प्लेंट का तत्काल निस्तारण भी किया है, लेकिन अब और तेजी लाई जाएगी। पैसेंजर्स की कम्प्लेंट अब पेंडिंग नहीं होगी।

-सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ, इलाहाबाद मंडल