प्रयागराज (ब्यूरो)। रेलवे को आपकी मदद की जरुरत है। रेलवे ट्रैक को सुरक्षित रखने में आम जन का सहयोग उस समय बहुत जरुरी हो जा रहा है, जबकि लगातार घटनाओं से रेलवे ट्रैक की संरक्षा को लेकर सवाल खड़ा होने लगा है। रेलवे अपनी ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर पूरा जोर लगाए हुए है, इसके बावजूद कहीं न कहीं घटना की गुंजाइश सामने आ रही है। कानपुर की घटना सामने है। जिससे हजारों रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे हाई एलर्ट पर है। ट्रैक की सुरक्षा को लेकर जहां एक ओर जीआरपी, आरपीएफ ने अपनी गश्त तेज कर दी है, वहीं लाइन मैनों को भी स्थानीय स्तर पर सूत्र बनाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। ताकि संभावित रेल हादसे को तत्काल रोका जा सके। इसके बावजूद रेलवे को स्थानीय स्तर पर आम जन के सहयोग की दरकार है।
हादसे का शिकार बनाने की साजिश
1- पिछले दिनों पूरामुफ्ती एरिया में रेलवे ट्रैक पर सीमेंट का गार्डर रखा गया था। गार्डर भारी भरकम था। अगर उस दौरान कोई ट्रेन उधर से गुजर जाती तो फिर हादसा तय था। किसी ने गार्डर रखे जाने की सूचना पूरामुफ्ती पुलिस को दी। पुलिस से सूचना पाकर रेलवे के अफसर मौके पर पहुंचे। इस मामले में रेलवे के इंजीनियर की तरफ से पूरामुफ्ती थाने में अज्ञात शख्स के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
2- रेलवे ट्रैक पर एक युवक रील बनाता था। युवक नवाबगंज एरिया का रहने वाला है। युवक ने एक दर्जन से ज्यादा रील बनाई। रील युवक ने उस समय रील बनाई जब कोई न कोई ट्रेन गुजरने वाली होती थी। लखनऊ प्रयागराज रूट पर युवक ने वंदे भारत ट्रेन के आगे भी रील बनाई। युवक की रील वायरल होने लगी। इसकी जानकारी पर मामले में जीआरपी ऊंचाहार में केस दर्ज किया गया। ऊंचाहार जीआरपी ने जैसे तैसे युवक का पता लगाया। इसके बाद नवाबगंज पुलिस की मदद से युवक की गिरफ्तारी हुई।
लोकल पुलिस से हेल्प
रेल अफसर रेलवे ट्रैक को सुरक्षित रखने के लिए लोकल पुलिस से भी मदद की कवायद कर रहे हैं। जल्द ही रेलवे अफसर इस मसले पर पुलिस अफसरों के साथ बैठक कर सकते हैं। इसके लिए शासन स्तर से भी कवायद हो सकती है। हालांकि महाकुंभ के दौरान रेलवे अफसर रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर लोकल पुलिस की मदद लेंगे। इसके लिए शासन स्तर से रेलवे अफसरों की वार्ता हो चुकी है। मगर आम दिनों में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर अभी वार्ता की तैयारी रेलवे अफसर कर रहे हैं।
चिंहित किए जा रहे संवेदनशील स्थान
रेलवे अपने ट्रैक की सुरक्षा के लिए संवेदनशील स्थान चिंहित करने की कवायद में लगा हुआ है। चूंकि प्रयागराज मंडल का एरिया बहुत बड़ा है। प्रयागराज मंडल में गाजियाबाद से लेकर दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच करीब सात सौ किलोमीटर का रूट आता है। ऐसे में इतने बड़े रूट की सुरक्षा के लिए संवेदनशील स्थानों को चिंहित करके वहां पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जा सकते हैं।
रेलवे का मददगार बनिए
ये बात ठीक है कि ट्रैक की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी रेलवे की है। मगर इतने बड़े रेलवे ट्रैक को सुरक्षित रख पाना अकेले रेलवे के बस की बात नहीं है। ऐसे में मौजूदा हालात में जब रेलवे के साथ कहीं न कहीं साजिश की बात सामने आ रही है तो फिर जिम्मेदारी हम सब की बनती है कि रेलवे की मदद की जाए। ऐसे में अगर कहीं रेलवे ट्रैक पर कोई गड़बड़ी नजर आती है। रेलवे ट्रैक पर कोई हादसे का कारण बनने वाला पत्थर, गैस सिलेंडर आदि रखा दिख जाए तो फिर तत्काल सूचना देने की जरुरत है।
रेलवे प्रशासन अपनी तरफ से ट्रैक की सुरक्षा के लिए पूरी कवायद कर रहा है। ऐसे में अगर लोकल लेवल पर लोग रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर एक्टिव हो जाएं तो इससे रेलवे को बहुत मदद मिलेगी। रेलवे सावर्जनिक संपत्ति है। लोगों को रेलवे की मदद करनी चाहिए।
शशिकांत तिवारी, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेलवे