प्रयागराज ब्यूरो । उत्तर मध्य रेलवे ने एक और इतिहास रचने के लिए कदम बढ़ा दिया है। सोलर सिस्टम के इस्तेमाल से रेलवे बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो रहा है। मौजूद वित्त वर्ष के गुजरे सात माह में रेलवे ने अब तक सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति की है। रेलवे के बिजली विभाग की इस उपलब्धि से अफसरों में खुशी का माहौल है। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने बिजली विभाग के अफसरों की पीठ थपथपाई है। महाप्रबंधक ने सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए संबंधित अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देेश जारी किए हैं।

सौर ऊर्जा मिशन को बढ़ावा
रेलवे ने सौर ऊर्जा मिशन को बेहद गंभीरता से लिया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में रेलवे ने सोलर सिस्टम को शुरू किया। सोलर सिस्टम को शुरू करने के बाद बिजली विभाग के अफसरों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। जिसका नतीजा रहा कि 2022-23 में उत्तर मध्य रेलवे में सौर इनर्जी का उत्पादन अन्य सभी जोनल रेलवे से ज्यादा रहा। इस वित्तीय वर्ष में सौर ऊर्जा संयंत्रों से सवा लाख यूनिट बिजली पैदा की गई। जिससे रेलवे को पांच करोड़ बीस लाख रुपये की बचत हुई।
सात महीने में टूट गए पिछले आंकड़े
उत्तर मध्य रेलवे की बिजली विभाग की टीम की मेहनत का नतीजा रहा कि मौजूदा सत्र के सात माह में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के सारे रिकार्ड टूट गएङ बीते सात माह में सौर ऊर्जा संयंत्रों से अठहत्तर लाख यूनिट बिजली पैदा की गई। जिससे करीब सवा तीन करोड़ रुपये की बचत हुई है।

इन जगहों पर लगा है ऊर्जा संयंत्र
उत्तर मध्य रेलवे ने सौर ऊर्जा मिशन को कितनी गंभीरता से लिया है, इसे इस तरह समझा जा सकता है कि सौर ऊर्जा संयंत्र अफसरों के कार्यालयों की छत पर भी लगाए गए हैं। उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशन भवन, कारखाने, ट्रेनिंग विद्यालय, अस्पताल, मेगू कार शेड, महाप्रबंधक कार्यालय, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन के अलावा अन्य कई खाली जगहों पर रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित किए गए हैं।

महाप्रबंधक रेलवे ने दी बधाई
सात माह में बिजली विभाग की उपलब्धि पर महाप्रबंधक सतीश कुमार ने संबंधित अफसरों और कर्मचारियों को बधाई दी है। महाप्रबंधक सतीश कुमार ने कहा है कि मौजूदा सत्र के आखिर तक हमें सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली उत्पादन का रिकार्ड बना लेना चाहिए। और ये रिकार्ड हर वर्ष बढऩा चाहिए।


125 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ 2022-23 में।
5.2 करोड़ रुपये की बचत हुई रेलवे को।
78.8 लाख यूनिट का उत्पादन हुआ पिछले सात माह में।
3.27 करोड़ रुपये की बचत हुई सात माह में।
11.13 मेगावाट का ऊर्जा संयंत्र स्थापित है रेलवे में।



ये हमारे के लिए गर्व की बात है कि अब रेलवे बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो रहा है। सोर संयंत्रों की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। आने वाले समय में रेलवे की बिजली जरुरतें खुद के उसके सोलर सिस्टम से पूरी होने की उम्मीद है।
अमित मालवीय, जनसम्पर्क अधिकारी