प्रयागराज (ब्‍यूरो)। गंगा और यमुना नदी में अब भी 44 नालों का दूषित जल सीधे गिर रहा है। नालों से निकल रहा कुल दूषित जल की मात्रा करीब 475 एमएलडी है। मतलब यह कि लगभग 135 एमएलडी नालों का गंगा पानी बगैर ट्रीट किए नदियों में जा रहा है। जिसे ट्रीट करके नदियों में छोडऩे की फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं है। अगले वर्ष महाकुंभ है। नदियों में गिर रहा यह पानी स्नानार्थियों के लिहाज से ठीक नहीं है। महाकुंभ के पहले इन नालों को एसटीपी से जोडऩे के लिए कमर तोड़ मेहनत जारी है। इसके लिए तीन नए एसटीपी प्लांट और लगाए जाएंगे। इन तीनों एसटीपी प्लांट को तैयार करने में 481 करोड़ रुपये का बजट शासन ने स्वीकृत किया है।

03 एसटीपी शहर में जल्द होंगे तैयार
481 करोड़ रुपये तीनों एसटीपी पर होंगे खर्च
10 एसटीपी मौजूदा समय में कर रहे हैं काम
340 एमएलडी दूषित जल ट्रीट करने की है क्षमता
379 एमएलडी दूषित जल ट्रीट करने का दावा
37 नाले कनेक्टेड हैं सभी दस एसटीपी से
44 नालों का पानी अब भी गिर रहा नदियों में
135 एमएलडी नालों का पानी सीधे नदियों में जा रहा

जानिए क्या हैं मौजूदा हालात
आस्था और विश्वास से जुड़ी दो नदियां गंगा और यमुना के जल की कंडीशन ठीक नहीं है। शहर के 44 नालों से निकले वाला गंगा पानी सीधे इन दिनों में आज भी गिर रहा है। नदियों में गिर रहे इस जल की मात्रा गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की रिपोर्ट पर गौर करें तो करीब 135 एमएलडी है। इसके पहले कुल 81 नालों का पानी इन दिनों में गिर रहा था। गंगा और यमुना के जल स्वच्छ करने के लिए बनाए गए प्लान के तहत शहर में दस एसटीपी का निर्माण किया गया। इस दस एसटीपी से 37 नालों को कनेक्ट कर दिया गया। बताते हैं कि 340 एमएलडी प्रदूषित जल को ट्रीट करने की क्षमता इस दस एसटीपी के पास है। मगर, एसटीपी की क्षमता से अधिक 379 लीटर पानी शोधित करने का दावा विभाग कर रहा है। हालांकि क्षमता से अधिक पानी को ट्रीट कैसे किया जा रहा है? इस सवाल का जवाब विभाग के पास भी शायद ही हो। अगले वर्ष आयोजित होने वाले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को नदियों में स्वच्छ जल देने की कवायद चल रही है। इसी के तहत शहर में तीन और एसटीपी बनाए जाने के प्रस्ताव को शासन ने हरी झंडी दी है। बनाए जाने वाले इस एसटीपी पर करीब 481 करोड़ रुपये लागत आएगी। जिसकी स्वीकृति शासन ने दे दी है।


एसटीपी प्लेस और लागत
पहला एसटीपी राजापुर में बनाया जाएगा। जिसकी 90 एमएलडी दूषित जल को घोषित करने की होगी। इसके निर्माण में पर करीब 238 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाएगा।
दूसरा सलोरी में 43 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। बताते हैं कि इसकी 175 करोड़ है।
जबकि नैनी में 50 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। जिस पर 68 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

गंगा यमुना नदी में गिर रहे दूषित पानी को रोकने के लिए तीन नए एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। जिसका काम जल्दी ही शुरू होगा। टेंडर प्रक्रिया विभागीय स्तर पर शुरू कर दी गई है।
सुरेंद्र ङ्क्षसह परमार
परियोजना प्रबंधक, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई