-आज से शुरू हो रहा है माहे रमजान, भीषण गर्मी में रखना होगा रोजा

-डॉक्टर्स के मुताबिक-जरा की लापरवाही पड़ सकती है भारी

ALLAHABAD: माहे रमजान शुक्रवार से शुरू हो रहा है। अगले एक महीने तक रोजेदारों को भीषण गर्मी में बिना खाए-पीए अल्लाह की इबादत करनी होगी। ऐसे में डायबिटीज और हार्ट के मरीजों को विशेष सावधानियां बरतनी होंगी। उन्हें अपने डॉक्टर से कंसल्ट करने के साथ दवाओं का भी विशेष ध्यान रखना होगा। डॉक्टरों की मानें तो जरा सी लापरवाही से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।

इनको रखना होगा विशेष ध्यान

पारा एक बार फिर ब्0 डिग्री के ग्राफ को पार कर रहा है। ऐसे में रोजे रखने के दौरान लोगों को विशेष सावधानियां बरतनी होंगी। डॉक्टरों की सलाह है कि हार्ट और डायबिटीज के मरीजों को खासतौर से सतर्क रहना होगा। रोजे के दौरान घंटों भूखे-प्यासे रहना नुकसानदायक साबित हो सकता है। रमजान के दौरान खास पकवानों ( कुल्चा नहारी, शीरमाल, कबाब और बिरयानी आदि) के प्रति उनकी दीवानगी और दवाओं के प्रति जरा भी लापरवाही उनके रोग को बढ़ा सकती है। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने पर मजबूर होना पड़ सकता है।

रोजेदारों के सवालों के जवाब

डॉक्टरों की मानें तो रमजान में अक्सर हार्ट और डायबिटीज के मरीज सवाल करते हैं कि क्या उन्हें रोजा रखना चाहिए? डॉक्टर्स का कहना है कि जो रोगी पहले दिल के हल्के दौरे के शिकार हो चुके हैं वह रोजा रख सकते हैं क्योंकि तमाम शोधों में यह बात सामने आई है कि ऐसे रोगियों को रमजान में रोजा रखने के दौरान भी आम दिनों जितना ही खतरा रहता है। ऐसे में मरीजों का दवा और खानपान के बीच सामंजस्य बैठाना जरूरी है।

डॉक्टरों से चेकअप कराएं

डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसे मरीजों को समय-समय पर डॉक्टरों के पास जाकर चेकअप कराना चाहिए। रोज़ा रखने पर एक व्यक्ति को दिन में दो बार लंबे अंतराल के बीच में भोजन लेना होता है जिससे बॉडी का मेटाबोलिज्म सिस्टम डिस्टर्ब हो जाता है। ब्लड शुगर लेवल गड़बड़ाने से रोगी को केटोएसिडोसिस से भी जूझना पड़ सकता है। वहीं उल्टी, डिहाइड्रेशन, सांस लेने में दिक्कत, भ्रम जैसी समस्या हो सकती है जिससे वह कोमा में जा सकता है।

प्वाइंट टु बी नोटेड

-जिनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है उन्हें रोजे से परहेज करना चाहिए। बिना डॉक्टरी सलाह वह रोजा न रखें।

-जन्म से मधुमेह (टाइप वन) पीडि़त और इंसुलिन लेने वाले रोगियों को रोजा रखने से बचना चाहिए क्योंकि इंसुलिन नहीं लेने से खून में शुगर का लेवल बढ़ने से तबियत खराब हो सकती है।

-टाइप टू डायबिटीज के मरीज रोजा रख सकते हैं। उन्हें सुबह सहरी में पर्याप्त खाना और दवाएं लेनी होंगी।

-ज्यादा तला-भुना और मांसाहार कम लेना चाहिए। खाना कम तेल में बना होना चाहिए.्र

-मरीजों को इफ्तार के समय एकदम से खाना खाने के बजाय थोड़े फल का जूस लेना होगा। हल्का खाने के बाद तुरंत दवाएं लेनी चाहिए।

-इफ्तार में कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर के साथ ब्लड शुगर बढ़ने की आशंका बनी रहती है। जो दिल के रोगियों के लिए ठीक नहीं है। रोजे के दौरान कमजोरी महसूस होने पर उन्हें आराम करना चाहिए।

-हार्ट और डायबिटीज दोनों के मरीजों को खानपान में तेल व रोगन वाले कुल्चा नहारी, कबाब, बिरयानी और चिकन करी जैसे फूड से बचना चाहिए, क्योंकि इससे शुगर और कोलेस्ट्राल बढ़ने की संभावना रहती है।

वर्जन

गर्भवती महिलाएं भी रोजा रख सकती है, बशर्ते उन्हें डॉक्टर से सलाह ले होगी। उन्हें अपने खानपान का विशेष ख्याल रखना होगा। कमजोरी से बचाव करना होगा। खानपान में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट की जरूरी मात्रा होनी चाहिए।

डॉ। मनोज माथुर, फिजीशियन, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

शुगर और हार्ट के मरीजों को रोजे के दौरान अपना रुटीन चेकअप कराते रहना होगा। ऐसा नहीं करने से उनको दिक्कतें पेश आ सकती हैं। खासतौर से वह मरीज जो सीरियस हैं और इलाज चल रहा है, उनके परिजनों को उनका ख्याल रखना होगा।

डॉ। ओपी त्रिपाठी, फिजीशियन, बेली हॉस्पिटल

दिल के मरीजों को खानपान में तले-भुने और अधिक तेल वाले पकवानों से बचाव करना होगा। इससे बॉडी में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाएगी, जिससे दिक्कत हो सकती है। मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रोजे रखने चाहिए।

डॉ। पीसी सक्सेना, हार्ट स्पेशलिस्ट, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

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गर्भवती महिलाओं को मिलती है छूट

रोजा हर किसी के लिए जरूरी है, लेकिन अगर कोई ऐसी बीमारी से पीडि़त है, जिसमें भूखा नहीं रहना चाहिए, तो ऐसे लोगों के लिए भी इस्लाम में व्यवस्था रखी गई है। दारूल उलुम अफजलुल मदारिस, करैला बाग के प्रिंसिपल फरिद अहमद खां ने बताया कि इसके अन्तर्गत ऐसे लोगों को दो किलो ब्भ् ग्राम गेहूं की कीमत किसी जरूरतमंद गरीब को देनी होगी। जहां तक रोजा रखने से छूट मिलने की बात है तो ये व्यवस्था सिर्फ गर्भवती महिलाओं व बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए है। इस प्रकार की महिलाओं को भी आगे चलकर इन रोजों को रखकर फर्ज पूरा करना होगा।

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देररात तक चली शॉपिंग

खुद की इबादत के सबसे पाक महीने माह ए रमजान का आगाज शुक्रवार से हो रहा है। पहले रोजे को लेकर रोजेदारों में भी जमकर उत्साह दिखा। गुरुवार की शाम से ही लोग रोजे की तैयारियों में जुट गए। उधर रोजे के मौके पर घरों से लेकर मस्जिदों में इस मौके पर विशेष तैयारियां की गई है। शहर के प्रमुख बाजार भी देर रात तक गुलजार रहे जहां लोग अपनी जरूरत का सामान खरीदते दिखे।