प्रयागराज (ब्‍यूरो)। किसी भी विश्वविद्यालय की वास्तविक पहचान उसके उच्च स्तरीय शोध तथा गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन से होती है। यह तभी सफल होगा जब शिक्षण कार्यों तथा शोध के क्षेत्र में गुणवत्ता और उत्कृष्टता होगी। नए भारत के निर्माण के लिए विश्वविद्यालयों को नए ज्ञान का सृजन और विस्तार करना होगा। उक्त बातें राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने प्रो राजेंद्र सिंह रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुई कही। समारोह में 151 विद्यार्थिंयों को कुल 155 पदक तथा स्नातक, परास्नातक एवं व्यवसायिक के विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 1,15,827 छात्रों को उपाधियां दी गयी। कहा कि पदक प्राप्त करने में छात्राओं का प्रतिशत दोगुने से अधिक है, जो बेटियों द्वारा की जा रही मेहनत एवं दृढ़ इच्छशक्ति को प्रदर्शित करता है। विश्वविद्यालय के कैम्पस में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

स्कूल बैग व बांटे किट
राज्यपाल ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को स्कूल बैग एवं अन्य उपहार वितरित किया। इस दौरान विभिन्न विद्यालयों में करायी गयी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही विभिन्न विद्यालयों में अच्छा कार्य करने वाले प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार देने में माताओं का विशेष योगदान रहता है। माताएं अपने अनुभव से बच्चों का पालन पोषण करती है तथा बच्चों को संस्कारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कहा कि माताओं का सम्मान सबसे ज्यादा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों का संस्कार, कल्चर, व्यवहार, भाषा अच्छे ढंग से होना चाहिए, तभी इस मेडल का महत्व होगा। उन्होंने कहा कि हम इसलिए पढ़ते है कि हम पहले अच्छा नागरिक एवं इंसान बने तथा दूसरो को भी अच्छा इंसान बनाने का प्रयास करें।

यूनिवर्सिटी की तारीफ की
राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी की प्रगति की तारीफ करते हुए कहा कि तीन साल पहले यहां पर 6 पाठ्यक्रम चलते थे, लेकिन आज 28 पाठ्यक्रम चल रहे है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में 3 साल पहले केवल 200 विद्यार्थी थे, परंतु आज यहां पर 2 हजार 500 विद्यार्थी पढ़ रहे है। कहा कि पहले विश्वविद्यालय में कोई प्रोजेक्ट नहीं था, परंतु आज यहां पर 18 प्रोजेक्ट चल रहा है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति के लिए सभी को बधाई दी।

डिजी लॉकर से मिल रहा लाभ
विद्यार्थियों की सुविधा के लिए डीजी लॉकर में अंक तालिकाओं, डिग्रियों को अपलोड़ किए जाने की व्यवस्था से विद्यार्थिंयों को अत्यधिक सुविधा मिल रही है। उन्होंने समर्थ पोर्टल व्यवस्था की महत्ता के बारे में भी बताया। कहा कि पानी का स्तर दिन प्रतिदिन दिन नीचे जा रहा है। हम सभी को पानी की एक एक बूंद को बचाना चाहिए, जितने पानी की उपयोगिता हो, उतना ही पानी उपयोग करें। कहा कि हम सभी संकल्प लें कि एक बूंद भी पानी व्यर्थ नहीं करेंगे।

महाकुंभ को बनाएं दिव्य और भव्य
राज्यपाल ने कहा कि यहां पर कुछ माह बाद महाकुंभ 2025 का आयोजन होना है, मैं इसके लिये समस्त प्रयागराज वासियों को शुभेच्छाएं देती हूँ कि आप इस भव्य एवं दिव्य आयोजन के साक्षी बने और पुण्य कमायें। विश्वविद्यालय का भी दायित्व है कि वह जिला प्रशासन, मेला प्रशासन के साथ समन्वय कर अपने विद्यार्थियों के साथ मेले में विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यों में सहयोग करें और भारत की इस महान अमूर्त विरासत का हिस्सा बने। कार्यक्रम से पूर्व कुलपति डा अखिलेश कुमार सिंह ने माननीय राज्यपाल महोदया सहित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यक्रमों एवं विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर विधायक कोरांव राजमणि कोल, विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी, डा केपी श्रीवास्तव समेत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा प्राध्यापकगण तथा के उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।