प्रयागराज (ब्‍यूरो)। महाकुंभ 2025 की तैयारी में जुटे प्रशासन को लोगों की सेहत का खयाल शायद नहीं है। यही वजह कारण है कि रोड चौड़ी करण के वर्क से उड़ रही धूल पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस उपेक्षा के चलते चौड़ीकरण के दायरे में आई सड़कों के किनारे व आसपास रहने वाले लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। इस उपेक्षा में नगर निगम के जिम्मेदारों की अनदेखी कोढ़ में खाज का काम कर रही है। तोडफ़ोड़ से उड़ रही धूल के कारण लोग परेशान हो गए हैं। यहां रहने वाले लोगों में आंख ही नहीं श्वांस तक की बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। इन आशंकाओं से घिरे लोगों के घरों में भी यह धूल बड़ी समस्या का कारण बन गई है। इस एक से डेढ़ किमी सड़क के किनारे व सटे हुए मकानों में रहने वालों की संख्या दो हजार से भी अधिक है।

01 से डेढ़ किमी रोड की जा रही है चौड़ी
10 मीटर करीब पहले चौड़ी थी यह सड़क
13 मीटर चौड़ी बनाई जा रही है अब रोड
02 हजार की करीब आबादी है रोड किनारे

जानिए क्या कहते हैं यहां के लोग
लोग बताते हैं कि कीडगंज थाने के सामने से जाने वाली रोड कभी मेला क्षेत्र परेड से कनेक्ट होती थी। जबकि यमुना नदी पर नया पुल बन गया इस रोड की कनेक्टीविटी मेला परेड से खत्म हो गई। फिर भी लोगों का घर तोड़कर इस रोड को चौड़ी की जा रही है। यह तो हुई लोगों की एक बात। उनकी दूसरी बात यह है कि इस रोड पर करीब एक से डेढ़ किमी यानी अंदर ही अंदर चौराहे तक चौड़ीकरण का काम होगा। पहले इस रोड की चौड़ी लोग दस मीटर बताते हैं। कहना है कि अब सड़क के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ मीटर और बढ़ाया जा रहा है। कुल मिलाकर इस रोड को 13 मीटर चौड़ी बनाने का प्लान है। चूंकि रोड चौड़ी करने के लिए मकान तोड़े जा रहे हैं, ऊपर से विद्युत केबल बिछाने के लिए भी गड्ढे खोदे गए हैं। ऐसी स्थिति में दिन रात यहां धूल उड़ रही है। इस धूल से लोगों का यहां घरों में रहना दुश्वार हो गया है। हवा में उड़कर यह धूल लोगों के घरों में पहुंच रही है। जिससे उन्हें दिन भर में दो से तीन बार सफाई करनी पड़ रही है। धुलकर रखी गई साफ थाली सहित अन्य बर्तन तक धूल पडऩे से दोबारा गंदे हो जा रहे हैं। बच्चों व बुजुर्गों में इस धूल से श्वास सम्बंधी बीमारियों के होने का खतरा बड़ गया है। युवाओं में स्किन व एवं बाल के रोड की आंशका भी लोग यहां पर ग्रसित हैं। लोगों के द्वारा प्रशासन व नगर निगम से सुबह और शाम के वक्त वाटर स्प्रे की मांग की जा रही है। कहना है कि यही वह समय है जब गाडिय़ों का आवागमन बढ़ जाता है और धूल काफी उड़ती है।

आज करीब एक डेढ़ महीने से पूरा मोहल्ला धूल से सना हुआ है। सुबह और शाम के वक्त जब गाडिय़ों का आवागमन अधिक होता है उस समय धूल सांस लेना दुश्वार हो जाता है। हवा में उड़ रही धूल छत पर एक परत बैठ गई है। ध्यान नहीं दिया गया तो इस धूल से बीमारियां भी फैल सकती हैं।
अनुज वर्मा, कीडगंज

रोड चौड़ीकरण के लिए तमाम घर टूट रहे हैं। बिजली की पाइप बिछाने व नाली बनाने के लिए भी सड़कें खोदी जा रही हैं। इस स्थिति में उड़ रही धूल से जीना दुश्वार हो गया है। मजबूरी है कि घर छोड़कर कोई जा नहीं सकता है। प्रशासन को समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है।
शिवम जायसवाल, कीडगंज

हवा में उड़ रही धूल के बीच युवा तो किसी तरह रह ले रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों व बुजुर्गों को एवं अस्थमा पीडि़त लोगों को है। इस धूल से उनमें सांस की बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। हम यही कहेंगे की सुबह व शाम के वक्त इस रोड पर वाटर स्प्रे कराया जाय।
सुजीत वर्मा, कीडगंज

नगर निगम के पास वाटर स्प्रे की मशीनें हैं तो पानी का छिड़काव कराया जाय। नहीं तो केवल कीडगंज ही नहीं, जहां भी ऐसी स्थिति है इस धूल से लोगों में तमाम तरह की बीमारियां फैल जाएंगी। इससे केवल एक समस्या नहीं है जिसे हम बता दें। कई समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं।
शिवम पांडेय, कीडगंज

कीडगंज थोना वाली रोड पर चल रहे चौड़ीकरण के कार्य व तोडफ़ोड़ से धूल थोड़ी नहीं बहुत उड़ रही है। प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। धूल से केवल सांस ही नहीं आंख से सम्बंधित भी शिकायतें बढऩे की आशंका बढ़ गई है। जितनी जल्दी हो सके पानी का छिड़काव कराया जाय।
अमन पांडेय, कीडगंज